Edited By Updated: 18 Jan, 2017 10:31 AM
पाकिस्तान के सियालकोट से शिफ्ट होकर पंजाब के जालंधर में स्थापित हुई स्पोर्ट्स इंडस्ट्री ने भारत को पूरे विश्व में ख्याति दिलवाई। पूरी दुनिया में क्वालिटी व गुणवत्ता उत्पादों के लिए पहचान बना चुकी स्पोर्ट्स इंडस्ट्री में 1200 संगठित व 3000 असंगठित...
लुधियाना(संदीप): पाकिस्तान के सियालकोट से शिफ्ट होकर पंजाब के जालंधर में स्थापित हुई स्पोर्ट्स इंडस्ट्री ने भारत को पूरे विश्व में ख्याति दिलवाई। पूरी दुनिया में क्वालिटी व गुणवत्ता उत्पादों के लिए पहचान बना चुकी स्पोर्ट्स इंडस्ट्री में 1200 संगठित व 3000 असंगठित इकाइयां मिलकर 3000 करोड़ रुपए वार्षिक का कारोबार कर रही हैं। इसमें 1000 करोड़ रुपए के निर्यात के साथ यह सैक्टर 30-40 हजार लोगों को सीधे तौर पर रोजगार भी दे रहा है। स्मॉल स्केल से लार्ज स्केल इंडस्ट्री का स्वरूप लेने की आस में अपनों की नीरसता, तकनीकी विकास की झेप व यू.पी. सरकार द्वारा इस सैक्टर पर फोकस कर इसे अपने राज्य में टैक्स फ्री करने से आज मेरठ स्पोर्ट्स इंडस्ट्री ने जालंधर से डेढ़ गुणा बड़ी मंडी का स्वरूप धारण कर लिया है परंतु फिर भी जालंधर स्पोर्ट्स इंडस्ट्री अपने दम पर घरेलू व विश्व बाजार की प्रतिस्पर्धा में डटी हुई है। अगर सरकार द्वारा इस सैक्टर को लार्ज स्केल का स्वरूप लेने हेतु प्रोत्साहित किया जाए तो स्पोर्ट्स क्षेत्र में भारत की चमक और निखर सकती है।
सरकारी टैस्टिंग लैब का हो निर्माण
यू.पी. सरकार ने स्पोट्स इंडस्ट्री को प्रफुल्लित बनाने के लिए मेरठ में आर. एंड डी. सैंटर एवं टैस्टिंग लैब का निर्माण करवा रखा है जिससे वहां की इकाइयां अपने रॉ मैटीरियल को लैब में टैस्ट करवा उत्पादों की गुणवत्ता को बनाए रखने में सक्षम हैं। जालंधर में भी ऐसा सैंटर स्थापित किया जाना चाहिए। -राजेश खरबंदा, निविया स्पोर्ट्स (जालंधर)
विदेशों की तर्ज पर स्पोर्ट्स को मिले शिक्षा का स्तर
बाहरी देशों में स्पोर्ट्स को शिक्षा के स्वरूप में अपनाया हुआ है एवं स्कूलों में शिक्षा की तरह स्पोर्ट्स की भी दैनिक कक्षा अनिवार्य है। भारत में स्पोर्ट्स का शैंक्षणिक का स्तर न होने से युवा पीढ़ी शारीरिक खेलों से दूर होकर नशों इत्यादि में फंसती प्रतीत हो रही है। राज्य सरकार को चाहिए कि वह स्कूल में स्पोर्ट्स विषय को अनिवार्य बनाए। —अमित महाजन,
के.जी. स्पोर्ट्स (जालंधर)
टैक्स फ्री हो स्पोर्ट्स इंडस्ट्री
यू.पी. सरकार ने मेरठ में स्पोर्ट्स इंडस्ट्री को प्रफुल्लित करने के उद्देश्य से इसे टैक्स फ्री किया है जबकि पंजाब में इस इंडस्ट्री पर 6 प्रतिशत वैट लगने से जालंधर स्पोर्ट्स इंडस्ट्री घरेलू बाजार की प्रतिस्पर्धा का ही शिकार होती जा रही है। यू.पी. सरकार की तर्ज पर पंजाब में भी स्पोर्ट्स इंडस्ट्री टैक्स रहित होनी चाहिए। -मुकुल वर्मा, सावी इंटरनैशनल (जालंधर)
सरकारी तंत्र बने मार्गदर्शक
स्पोर्ट्स इंडस्ट्री को प्रोत्साहित करने के लिए सरकारी तंत्र के हस्तक्षेप को न्यूनतम बना उसे मार्गदर्शक की कार्यप्रणाली अपनाने के निर्देश दिए जाने चाहिएं। सरकारी तंत्र का उद्देश्य वैट टैक्स प्रणाली को सी-फार्म जैसी पेचीदगियों से बाहर निकाल इंडस्ट्री के पैंङ्क्षडग पड़े वैट रिफंड को जल्द रिलीज करवा फ्रैंडली वातावरण कायम करना होना चाहिए। -रमेश चंदर साहनी, सैनी सन्स (जालंधर)
वैट रिफंड जारी कर मिले राहत
स्पोर्ट्स इंडस्ट्री को पिछले 8 से 10 वर्षों से वैट रीफंड में फंसी कैपिटल से काफी मार झेलनी पड़ी है। इंडस्ट्री को वैट चक्रव्यूह से बाहर कर सरकारी नीतियों को सरलीकृत करने की आवश्यकता है। स्पोर्ट्स इकाई में छोटी-बड़ी इकाइयां शामिल होने के कारण इनका वैट रिफंड जारी न होने से इंडस्ट्री वैट फ्री राज्यों की अपेक्षा खुलकर काम नहीं कर पा रही है।-रविन्दर खुराना, खुराना एक्सपोर्ट्स इंडस्ट्रीज (जालंधर)
ड्राई पोर्ट प्रणाली को तेज करे
जालंधर ड्राईपोर्ट विभाग द्वारा सुस्त कार्य प्रणाली अपनाने से स्पोर्ट्स इंडस्ट्री को डिलीवरी में लंबा समय लगने से इंडस्ट्री को नुक्सान झेलना पड़ता है। ज्यादातर सामान एक्सपोर्ट से संबंधित होने के कारण इसमें समय की बाध्यता अनिवार्य होती है। इसलिए केन्द्र के समक्ष आंकड़ों सहित इसकी प्रतिनिधित्वता देते हुए इस प्रणाली को दुरुस्त करवाने की जरूरत है।-कुमार वासन, वासन एक्सपोर्ट्स (जालंधर)
स्किल डिवैल्पमैंट सैंटर बने
इंडस्ट्री को टैक्नोलॉजी अपनाने हेतु राज्य सरकार की ओर से प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। स्पोर्ट्स इंडस्ट्री में स्किल्ड मैनपॉवर की बहुत महत्ता है। सरकारी स्कूलों में स्किल डिवैल्पमैंट सैंटर स्थापित किए जाने की जरूरत है ताकि अन्तर्राष्ट्रीय बाजार की प्रतिस्पर्धा में इंडस्ट्री अपनी गुणवत्ता व क्वालिटी को और निखर सके। -सुभाष शर्मा, प्रधान एसोसिएशन ऑफ इंडियन स्पोर्ट्स गुड्स इंडस्ट्री (जालंधर)
सस्ती बिजली हो उपलब्ध
पंजाब इलैक्ट्रिसिटी सरप्लस राज्य है परंतु यहां पर बिजली राजस्थान, एम.पी. जैसे पड़ोसी राज्यों से 15 से 20 प्रतिशत महंगी है। सरकार को चाहिए कि इंडस्ट्री को सस्ती बिजली उपलब्ध करवाए ताकि वैट, फ्रेट इत्यादि क्षेत्रों में मार खा रही इंडस्ट्री की कुछ हद तक भरपाई हो सके।-अशोक आनंद, आनंद ग्रुप (जालंधर)