Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Nov, 2017 09:23 AM
सूफियां बाग चौक के निकट एक के बाद एक हुए कई जोरदार धमाकों के साथ मलबे के ढेर में तबदील हुई 6 मंजिला फैक्टरी संबंधी घटना को करीब 40 घंटे गुजर जाने के बाद भी लेबर विभाग के अधिकारी अपनी गलतियों पर पर्दा डालने के लिए फैक्टरी रजिस्ट्रेशन का मामला...
लुधियाना (खुराना): सूफियां बाग चौक के निकट एक के बाद एक हुए कई जोरदार धमाकों के साथ मलबे के ढेर में तबदील हुई 6 मंजिला फैक्टरी संबंधी घटना को करीब 40 घंटे गुजर जाने के बाद भी लेबर विभाग के अधिकारी अपनी गलतियों पर पर्दा डालने के लिए फैक्टरी रजिस्ट्रेशन का मामला एक-दूसरे के डिपार्टमैंट से जुड़ा होने का दावा कर रहे हैं, लेकिन इस बात का कोई अधिकारी उचित जवाब देने के लिए राजी नहीं है कि हादसे में मारी गई इंसानी जिंदगियों का असली कसूरवार कौन है। आखिर क्यों नहीं लेबर विभाग से जुड़े 2 अधिकारियों ने समय रहते फैक्टरी का सर्वे करके सेफ्टी उपकरणों की जांच की।
जानकारी के मुताबिक मौत के खंडहर में तबदील हुई उक्त फैक्टरी पिछले करीब 7-8 वर्षों से इलाके में चल रही थी, लेकिन किसी ने भी यह जानने की जहमत तक नहीं उठाई कि फैक्टरी में कितने कर्मचारी काम कर रहे हैं और उसमें सेफ्टी यंत्रों के क्या इंतजाम किए गए थे। आज जब हादसे में मरने वाले लोगों का आंकड़ा 13 पर जा पहुंचा तब भी विभागीय अधिकारियों के लिए यह बात पहेली बनी हुई है। आखिर फैक्टरी में काम कितने कर्मचारी करते हैं और शायद इस पहेली को लेबर विभाग के अधिकारी कभी सुलझा भी नहीं पाएंगे, क्योंकि उनके पास हादसाग्रस्त फैक्टरी का कोई ब्यौरा ही मौजूद नहीं है, जिसका कसूरवार होने का जिम्मेदार वे एक-दूसरे की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगाकर ठहरा रहे हैं। सवाल अभी भी वहीं का वहीं खड़ा हुआ है कि आखिर सच में यह बड़ी जिम्मेदारी फैक्टरी विंग डिपार्टमैंट की थी या फिर शॉप सब्लिशमैंट विभाग की, जिन्होंने उक्त फैक्टरी का निरीक्षण कर वहां काम कर रहे कर्मचारियों की डिटेल तैयार करके सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज करनी थी और नियमों की पालना करवाने हेतु सुरक्षा के प्रबंधों के पुख्ता इंतजाम करवाने थे।
इस संवेदनशील मुद्दे को लेकर जहां आज भी लेबर विभाग के असिस्टैंट डायरैक्टर ऑफ फैक्टरीज सुखविन्द्र सिंह भट्टी यही तर्क देते रहे कि उक्त घटनास्थल पर 10 से कम कर्मचारी काम न करने के कारण फैक्टरी रजिस्टे्रशन की जिम्मेदारी लेबर अफसर की बनती है। वहीं घटनास्थल का दौरा कर रहे लेबर अफसर हरप्रीत सिंह ने मीडिया कर्मियों से कहा कि आप ही बताइए कि 6 मंजिला फैक्टरी में चल रहे 3 यूनिटों में क्या 10 कर्मचारी भी काम नहीं कर रहे होंगे। उन्होंने मौके पर फैक्टरी से निकाली गई एक बड़ी मशीन को दिखाते हुए कहा कि फैक्टरी की रजिस्टे्रशन की जिम्मेदारी असल में ए.डी.एफ. की बनती है।