Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 May, 2017 08:57 AM
माइङ्क्षनग नीलामी को लेकर विवादों में फंसे बिजली व सिंचाई मंत्री राणा गुरजीत सिंह के त्याग पत्र की कथित पेशकश को मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह द्वारा ठुकराने की आम आदमी पार्टी (आप) ने कड़े शब्दों में निंदा की।
चंडीगढ़ (शर्मा): माइङ्क्षनग नीलामी को लेकर विवादों में फंसे बिजली व सिंचाई मंत्री राणा गुरजीत सिंह के त्याग पत्र की कथित पेशकश को मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह द्वारा ठुकराने की आम आदमी पार्टी (आप) ने कड़े शब्दों में निंदा की। विधायक सुखपाल सिंह खैहरा ने कहा है कि राणा गुरजीत सिंह को मंत्री पद से बर्खास्त किए और देरी से न्यायिक जांच के आदेश के कोई मायने नहीं हैं।
उन्होंने मांग की कि जस्टिस जे.एस. नारंग, राणा गुरजीत सिंह, कैप्टन जे.एस. रंधावा व अन्य आरोपी यह स्पष्ट करें कि क्या वे कभी वकील-मुवक्किल रिश्ते में रहे हैं और यदि राणा गुरजीत सिंह कभी जस्टिस नारंग के मुवक्किल रहे हैं तो इस जांच के स्वतंत्र व पारदर्शी होने पर सवाल खड़े होंगे। खैहरा ने आरोप लगाया कि कै. अमरेंद्र सिंह ने राणा गुरजीत सिंह को किसी कानूनी जांच से पहले अपने व अपनी कंपनी के खातों में ‘क्लीन अप एक्सरसाइज’ पूरी करने के लिए यथा संभव समय प्रदान किया है।