Edited By Updated: 24 Feb, 2017 12:30 PM
देश में लागू नोटबंदी के बाद बैंकों में जमा भारी भरकम धनराशि पर आयकर विभाग की नजरें टिकी हुई हैं तथा विभाग के अधिकारी बैंकों से विस्तृत सूचनाएं मंगवाने में लगे हुए हैं।
जालंधर (धवन): देश में लागू नोटबंदी के बाद बैंकों में जमा भारी भरकम धनराशि पर आयकर विभाग की नजरें टिकी हुई हैं तथा विभाग के अधिकारी बैंकों से विस्तृत सूचनाएं मंगवाने में लगे हुए हैं। पता चला है कि बैंक खातों में 5 लाख या अधिक की धनराशि जमा करवाने वाले लोग अगर अपनी आय के स्रोतों की जानकारी देने में विफल रहते हैं या फिर आयकर विभाग के अधिकारियों को संतुष्ट नहीं कर पाते हैं तो ऐसी स्थिति में आयकर विभाग के लिए जहां सर्वे करने का मार्ग खुला है, वहीं दूसरी तरफ वह संबंधित पाॢटयों को सम्मन भेज कर तलब भी कर सकता है।
इसी तरह से जिन लोगों ने नोटबंदी के बाद अपने ऋण की किस्तें पुरानी करंसी से चुकाई हैं, ऐसे लोग भी आयकर विभाग के राडार पर आए हुए हैं। आयकर विभाग ने 5 लाख या अधिक की नकदी बैंक खातों में जमा करवाने वाले 18 लाख लोगों की देश में पहचान की हुई है।
आयकर विभाग अब ये केस अपने फील्ड अधिकारियों को सौंपने जा रहा है। अधिकारियों से कहा गया है कि वैरीफिकेशन के लिए उन्हें जो कुछ चाहिए वह संबंधित व्यक्ति को अपने पास बुलाकर हासिल किया जाए। टैलीफोन पर सवाल-जवाब नहीं किए जाएंगे। सभी अधिकारियों से कहा गया है कि वे वैरीफिकेशन का कार्य अगले एक सप्ताह के भीतर पूरा कर लें। अधिकारी ही यह तय करेंगे कि करदाता ने नकद धनराशि बैंकों में जमा करवाने के संबंध में जो तथ्य पेश किए हैं वे सही हैं या नहीं। दूसरी तरफ आम जनता के सिर पर आयकर विभाग की तलवार लटक गई है।
यहां तक कि जो लोग ऐसी आमदनी को गिफ्ट के घेरे में लाने की बात कहेंगे उन पर भी जांच का दायरा बढ़ा दिया जाएगा। कुछ लोग आय को कृषि क्षेत्र से आय का हिस्सा बता सकते हैं। ऐसे लोगों से कृषि योग्य भूमि के कागजात मांगे जा सकते हैं। एक से अधिक खातों में जमा होने वाली राशि भी जांच के दायरे में आएगी। जांच अधिकारी संबंधित व्यापारिक इकाई का स्टॉक का भी अध्ययन करेंगे।