Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Aug, 2017 12:39 AM
जी.एस.टी. के विरोध में रेलवे ठेकेदारों की एक हंगामी बैठक आज स्थानीय एक होटल में ...
जालंधर(गुलशन): जी.एस.टी. के विरोध में रेलवे ठेकेदारों की एक हंगामी बैठक आज स्थानीय एक होटल में हुई, जिसमें पंजाब सहित कई अन्य राज्यों के रेलवे ठेकेदार शामिल हुए। ठेकेदारों ने कहा कि 30 जून से पहले के वर्क आर्डर पर जी.एस.टी. लागू नहीं होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि इस समय फि रोजपुर मंडल में 150 से 200 करोड़ रुपए के काम चल रहे हैं, जिन पर पहले 6 प्रतिशत टैक्स था। जी.एस.टी. लागू होने के बाद पहले इसे 18 प्रतिशत कर दिया गया था। अब उसे 12 प्रतिशत कर दिए जाने की सूचना मिली है। उन्होंने कहा कि कुछ ठेकेदार ऐसे हैं, जिन्होंने करोड़ों रुपए के काम के टैंडर लिए हुए हैं। दोगुना टैक्स होने से उनका सारा सिस्टम गड़बड़ा जाएगा और उन्हें काफी घाटा सहना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि वे 6 प्रतिशत का भुगतान करने को तैयार हैं, अगर जी.एस.टी. 12 प्रतिशत से नहीं घटाया जाता तो रेलवे उन्हें अपने पास से 6 प्रतिशत का भुगतान वापस करे।
रेलवे ठेकेदारों ने आरोप लगाया कि रेलवे अधिकारियों द्वारा जून के बाद से उनके बिलों का भुगतान नहीं किया जा रहा। भुगतान न होने से छोटे ठेकेदारों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। छोटे ठेकेदारों का कहना है कि इस समय हालात ऐसे बन गए हैं कि उन्हें लेबर की पेमैंट करनी मुश्किल हो गई है। ठेकेदारों ने एक स्वर में चेतावनी देते हुए कहा कि अगर 20 अगस्त तक उनकी समस्या का हल नहीं किया गया तो रेलवे ट्रैक की मैंटीनैंस सहित चल रहे सभी काम बंद कर दिए जाएंगे।
इस मौके पर अम्बाला के ठेकेदार नवरत्न आनंद, जालंधर से ललित सेठी, हरिंद्र सिंह, दिनेश कुमार, कुलजीत सिंह, लुधियाना से मनजीत सिंह चोपड़ा, चरणजीत सिंह, फिरोजपुर से सर्बजीत सिंह, पंकज दत्ता, हरजीत सिंह, अमृतसर से तरसेम सिंह सैनी, कपूरथला से विक्की, सुरेंद्र सिंह, शाम लाल सहित कई ठेकेदार मौजूद थे।