घरेलू गैस सिलैंडर की सप्लाई लेने से पहले चौकन्ना रहने की जरूरत

Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Sep, 2017 02:18 PM

gas cylinders companies

अधिकतर परिवार इस सच्चाई को लेकर पूरी तरह से अनजान हैं कि गैस कम्पनियों द्वारा उनके रसोईघरों तक पहुंचाए गए गैस सिलैंडर कम्पनियों

लुधियाना (खुराना): अधिकतर परिवार इस सच्चाई को लेकर पूरी तरह से अनजान हैं कि गैस कम्पनियों द्वारा उनके रसोईघरों तक पहुंचाए गए गैस सिलैंडर कम्पनियों द्वारा सिलैंडरों की निर्धारित की गई समय सीमा के बाद एक्सपायर हो जाते हैं और ऐसे हालातों में सिलैंडर के ब्लास्ट होने की संभावनाएं काफी बढ़ जाती हैं। अगर आप अपनी गैस एजैंसी के डिलीवरी मैन से अपने रसोईघर में गैस सिलैंडर फिट करवाने जा रहे हैं या फिर घरेलू गैस सिलैंडर की सप्लाई ले रहे हैं तो जरा सावधान हो जाएं। वहीं ट्रेड के जानकारों का मानना है कि एक्सपायर हो चुके गैस सिलैंडर के इस्तेमाल से विस्फोट होने जैसी भयानक घटनाओं के घटित होने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। 

एक्सपायरी सिलैंडर की कैसे करें पहचान 
प्रत्येक कम्पनी द्वारा सिलैंडर को मार्कीट में उतारने के दौरान सिलैंडर की गर्दन पर जारी करने की तिथि व वर्ष अंकित किया जाता है। मिसाल के तौर पर ए-15, बी-15, सी-15 व डी-15 सिलैंडर की गर्दन पर लिखा गया है तो आप इसे वर्ष 15 तक ही इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें ए, बी, सी और डी शब्द को (3 महीनों का कोडवर्ड) दिया गया है। ए पहले 3 माह जनवरी से मार्च, बी अप्रैल से लेकर जून तक, सी जुलाई से सितम्बर तक के लिए और डी अक्तूबर से दिसम्बर तक के महीनों में बांटा गया है।  

त्यौहारों के सीजन में बढ़ सकती है ऐसी संभावनाएं 
त्यौहारी सीजन में एक्सपायर हो चुके गैस सिलैंडरों की मार्कीट में आने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। चाहे कम्पनियों द्वारा एहतियात के तौर पर ऐसा सिलैंडर बाजार में नहीं उतारे जाते हैं, जोकि नियमों व सुरक्षा के लिहाज से तय किए गए मापदंडों पर खरे न उतरते हों लेकिन फिर भी बताया जा रहा है कि ऐसे गैस सिलैंडरों का बड़ा जखीरा घरेलू गैस की कालाबाजारी से जुड़े गैस माफिया के गोदामों में भरा रहता है, जोकि एक्सप्लोसिव विभाग के नियमों के मुताबिक एक्सपायर हो चुके हैं और इनका इस्तेमाल रसोईघरों व अन्य संस्थानों पर करना खतरे से खाली नहीं है। 

क्या कहते हैं अधिकारी 
एक गैस कम्पनी के अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि सिलैंडर पर कम्पनी द्वारा अंकित की गई डेट व वर्ष असल में टैस्टिंग ड्यू डेट होती है और इस दौरान कम्पनी द्वारा यह जांच की जाती है कि सिलैंडर की मौजूदा पोजीशन क्या है। उन्होंने कहा कि कम्पनी द्वारा ऐसे सिलैंडर मार्कीट में उतारे ही नहीं जाते हैं, जिन पर किसी प्रकार की आशंका बन रही हो। 

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