Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Nov, 2017 12:59 PM
लुधियाना में हुए अग्रिकांड से फायर ब्रिगेड विभाग के कमजोर होने का मामला फिर उठ पड़ा है। होशियारपुर शहर ही नहीं बल्कि जिले में कहीं भी आग लग जाए तो फायरब्रिगेड के पास 6 बड़ी, 2 जीप, 2 मोटरसाइकिल समेत दसूहा में भी 2 गाडियां हैं लेकिन फायर ब्रिगेड...
होशियारपुर(अमरेन्द्र): लुधियाना में हुए अग्रिकांड से फायर ब्रिगेड विभाग के कमजोर होने का मामला फिर उठ पड़ा है। होशियारपुर शहर ही नहीं बल्कि जिले में कहीं भी आग लग जाए तो फायरब्रिगेड के पास 6 बड़ी, 2 जीप, 2 मोटरसाइकिल समेत दसूहा में भी 2 गाडियां हैं लेकिन फायर ब्रिगेड विभाग रैगुलर स्टाफ की कमी से जूझ रहा है जिस वजह से कर्मचारियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
यही नहीं विकास की दौड़ में शहर में बहुमंजिला इमारतें खड़ी हैं लेकिन फायर ब्रिगेड 3 मंजिलों से अधिक के मकानों में लगी आग पर आसानी से काबू नहीं पा सकती। लंबे समय से हाईड्रोलिक लैडर की मांग की तो जा रही है लेकिन सरकार की तरफ से अब तक बजट निकालने का प्रयास तक नहीं किया गया है। इतना ही नहीं, फायर ब्रिगेड कर्मियों को आवश्यक साजो-सामान व सेफ्टी जैकेट्स तक की कमी से जूझना पड़ता है।
जिले में चाहिएं और फायर टैंडर
होशियारपुर शहर के अलावा दसूहा सब-डिवीजन में फायर ब्रिगेड की गाडिय़ां तो हैं लेकिन मुकेरियां, माहिलपुर, गढ़शंकर सब-डिवीजन में जरूरत के मुताबिक फायरब्रिगेड के दस्ते का कोई इंतजाम नहीं है। नियमानुसार 50 हजार की आबादी के पीछे 1 फायर टैंडर होना जरूरी है। इसके हिसाब से जिले की कुल आबादी करीब 15 लाख के हिसाब से पर्याप्त संख्या में फायर टैंडर उपलब्ध नहीं हैं। हर गाड़ी पर महिला मुलाजिम समेत 6 लोगों की टीम होनी चाहिए लेकिन स्टाफ भी कम है। अकेले होशियारपुर शहर में कुल 8 गाडिय़ों पर कच्चे व पक्के मिलाकर इस समय 33 मुलाजिम तैनात हैं लेकिन जरूरत 50 के करीब मुलाजिमों की है।
अलग डायरैक्टोरेट होगा तभी होगी भर्ती
गौरतलब है कि फायर ब्रिगेड मुलाजिमों की पिछले काफी सालों से मांग रही है कि बड़ी दुर्घटनाओं के लिए फायरब्रिगेड दस्ते का एक अलग डायरैक्टोरेट होना चाहिए। आग लगने की घटनाओं में हर साल आग की वजह से करोड़ों का नुक्सान उठाना पड़ता है लेकिन सुरक्षा के लिए कोई इंतजाम नहीं किया जा रहा है। अलग डायरैक्टोरेट होगा तो ही समय पर भर्ती हो सकेगी।...