प्रधानमंत्री कार्यालय के हस्तक्षेप से हुआ फैक्टरी संचालक पर लापरवाही का केस दर्ज

Edited By Updated: 20 May, 2017 04:16 PM

fir against factory owner

करीब 8 माह तक एक मजबूर पिता की फरियाद न सुनने वाली लुधियाना पुलिस ने आखिरकार प्रधानमंत्री कार्यालय के हस्तक्षेप के बाद मामला तो दर्ज कर लिया है

लुधियाना(महेश): करीब 8 माह तक एक मजबूर पिता की फरियाद न सुनने वाली लुधियाना पुलिस ने आखिरकार प्रधानमंत्री कार्यालय के हस्तक्षेप के बाद मामला तो दर्ज कर लिया है, लेकिन उसके कथित आरोपी को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया है। इस मजबूर पिता के 9 साल के बेटे की बाजू एक फैक्टरी जैनरेटर की चपेट में आकर कट गई थी। तब से वह न्याय की गुहार के लिए दर-दर भटक रहा था। इस्लाम गंज के रहने वाले बिल्लू राम ने बताया कि उसके 2 बेटे और एक बेटी है। 9 साल का आकाश जोकि इस समय 5वीं कक्षा में पढ़ता है, 2 अक्तूबर को स्कूल से छुट्टी होने के कारण अमरपुरा इलाके में अपनी दादी गणेशी देवी को मिलने गया था, जोकि कथित आरोपी उपकार सिंह उर्फ बाबा की फैक्टरी में काम करती थी, जहां चप्पलें बनाई जाती थीं। उसका भाई राजिन्द्र भी उसी फैक्टरी में काम करता था और मां के साथ फैक्टरी के नीचे कमरे में रहता था। 

उसका आरोप है कि जब उपकार सिंह ने आकाश को फैक्टरी में देखा तो उसने उसकी माता से उसे भी काम पर लगाने की बात कही और बदले में पैसे देने का भी कथित लालच दिया, परंतु उसकी माता ने साफ मना कर दिया। इस पर उपकार कथित जोर जबरदस्ती पर उतर आया और उससे काम करवाने के लिए छत पर ले गया।  उसका आरोप है कि छत पर एक बड़ा जैनरेटर चल रहा था, जिसके  आसपास कोई सुरक्षा जाली नहीं लगी हुई थी, जिसकी चपेट में आकर आकाश की बाईं बाजू कट गई। आकाश के चिल्लाने की आवाज सुनकर जब उसकी माता छत पर गई तो खून से लथपथ आकाश फर्श पर पड़ा तड़प रहा था। जिसे लोगों की मदद से तत्काल सी.एम.सी. अस्पताल पहुंचाया। जहां डाक्टरों ने आकाश की कटी बाजू को जोडऩे में असमर्थता दिखाई और उसे इलाज के लिए भर्ती कर लिया। करीब 5 दिन बाद आकाश को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। 

उसका आरोप है कि इसके बाद फैक्टरी संचालक ने उन्हें पुलिस के पास न जाने की कथित धमकी दी और उसकी माता व भाई को भी काम से निकाल दिया। बिल्लू ने बताया कि इस घटना के बाद उसके पूरे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। वह दिहाड़ी पर काम करता है। उसके पास अपने बेटे का इलाज कराने तक के पैसे नहीं थे और उसका बेटा अपाहिज हो चुका था, लेकिन कुछ दानी सज्जन उसकी मदद के लिए आगे आए, जिनसे चंदा इकट्ठा करके उसने आकाश का इलाज करवाया। बिल्लू का आरोप है कि आरोपी के कथित प्रभावशाली स्थिति के चलते उसकी किसी भी पुलिस अधिकारी ने कोई सुनवाई नहीं की। वह कई बार तत्कालीन पुलिस कमिश्नर के समक्ष भी पेश हुआ और बाल मजदूरी के चेयरमैन से भी गुहार लगाई, लेकिन पुलिस ने उसकी एक न सुनी। अंत में उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शिकायत पत्र लिखा। उनके हस्तक्षेप के बाद अब कहीं जाकर उसकी शिकायत को दर्ज किया गया है। अब उसे इंसाफ मिलने की उम्मीद फिर से जाग उठी है। 

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