Edited By Updated: 11 Dec, 2016 02:51 PM
क्षेत्र में केवल एक ही शूगर मिल होने से क्षेत्र का किसान, मजदूर इसके ऊपर निर्भर है। इससे पहले मुकेरियां पेपर मिल थी जो करीब एक दशक पहले ही बंद हो चुकी है।
इसके चलते क्षेत्र में बेरोजगारी और बढ़ गई थी मगर सत्ता के सियासी नेताओं ने सत्ता का सुख तो...
मुकेरियां(अल्पना): क्षेत्र में केवल एक ही शूगर मिल होने से क्षेत्र का किसान, मजदूर इसके ऊपर निर्भर है। इससे पहले मुकेरियां पेपर मिल थी जो करीब एक दशक पहले ही बंद हो चुकी है।
इसके चलते क्षेत्र में बेरोजगारी और बढ़ गई थी मगर सत्ता के सियासी नेताओं ने सत्ता का सुख तो लिया मगर क्षेत्र के लिए कोई बड़ा उद्योग स्थापित नहीं कर पाए। किसान जो इन दिनों गन्ने की काश्त करके अपना अच्छा जीवन व्यतीत करने की कोशिश करता है उसे हर वर्ष किसी न किसी मुसीबत का सामना करना पड़ता है।
इस बार जबकि अभी सीजन गन्ने की पेराई का शुरू ही हुआ है तो इस समय इलाके का किसान लेबर कम होने से बेहद परेशानी के चक्कर में फंस गया है। नोटबंदी भी उन्हें परेशान कर रही है। गन्ने की कटाई के लिए जो लेबर बाहर के राज्य से आती थी इस बार बहुत कम आई है जिसके चलते किसान अपने गन्ने की कटाई के लिए बेहद परेशान दिख रहा है।