Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Sep, 2017 11:31 AM
कपूरथला शहर में खतरनाक हद तक फैल चुकी डेंगू महामारी दौरान हुई 3 मौतों ने जहां शहर में भारी दहशत फैला दी है। वहीं सरकार से लाखों रुपए वेतन लेने वाले कई सरकारी डाक्टरों ने डेंगू बुखार से निपटने को लेकर भारी लापरवाही दिखाई है।
कपूरथला(गौरव): कपूरथला शहर में खतरनाक हद तक फैल चुकी डेंगू महामारी दौरान हुई 3 मौतों ने जहां शहर में भारी दहशत फैला दी है। वहीं सरकार से लाखों रुपए वेतन लेने वाले कई सरकारी डाक्टरों ने डेंगू बुखार से निपटने को लेकर भारी लापरवाही दिखाई है।
सरकारी रोक के बावजूद भी ऐसे डाक्टरों द्वारा शाम ढलते ही प्राइवेट प्रैक्टिस का दौर बदस्तूर जारी है। डेंगू के भयानक सीजन ने शहर निवासियों में भारी खौफ पैदा किया है। डेंगू से हुई 3 मौतों ने लोगों को इस कदर खौफ में डाल दिया है कि उनको अपने भविष्य की ङ्क्षचता सताने लगी है। सबसे मंदभागी बात तो यह है कि सरकार से मोटा वेतन व सहूलियत लेने वाले सरकारी डाक्टरों को इसकी कोई परवाह नहीं है।
डेंगू के इस खतरनाक दौर में सबसे निराशाजनक बात तो यह है कि इन सरकारी डाक्टरों को सरकारी अस्पताल में आने वाले गरीब मरीजों की कोई परवाह नहीं है, जहां डेंगू से बड़ी गिनती में पीड़ित जालंधर भेजे गए हैं, वहीं शाम को कुछ डाक्टरों के घरों में प्राइवेट मरीजों की भीड़ आम देखी जा सकती है, जो प्रदेश के सेहत विभाग के निकल रहे जनाजे की तरफ इशारा कर रहा है।
गत वर्ष विजीलैंस टीमों ने की थी सरकारी अस्पतालों की चैकिंग
गत वर्ष एस.एस.पी. विजीलैंस जालंधर रेंज अलका मीणा ने अपनी टीमों को जिलाभर के सरकारी अस्पतालों में भेजकर चैकिंग तेज करवाई थी, वहीं सरकार द्वारा गरीब मरीजों को भेजी जाने वाली दवाइयों की जांच भी की गई थी, जिससे बढिय़ा नतीजे सामने आए थे। विजीलैंस टीमों की इस जांच से सरकारी डाक्टरों की प्राइवेट प्रैक्टिस में भारी कमी आई थी।