कुख्यात गैंगस्टरों के लिए नशा तस्करी का महफूज अड्डा बनी जेलें

Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Jul, 2017 12:28 PM

drug addiction for infamous gangsters

कुख्यात गैंगस्टरों व अपराधियों को सुधारने के लिए बनी पंजाब की जेलें असल में अपराधियों के लिए सुरक्षित रहते हुए बेखौफ अपना धंधा चलाए रखने का स्थान बन चुकी हैं। पंजाब की जवानी को निगलने वाले मादक पदार्थों की तस्करी का जेलों से चल रहा खेल सरकार व पुलिस...

लुधियाना (पंकज): कुख्यात गैंगस्टरों व अपराधियों को सुधारने के लिए बनी पंजाब की जेलें असल में अपराधियों के लिए सुरक्षित रहते हुए बेखौफ अपना धंधा चलाए रखने का स्थान बन चुकी हैं। पंजाब की जवानी को निगलने वाले मादक पदार्थों की तस्करी का जेलों से चल रहा खेल सरकार व पुलिस के लिए चुनौती बन चुका है, जिससे निपटने के लिए किए जा रहे प्रयास धूमिल पड़ते जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह द्वारा नशों व नशा तस्करों के मकडज़ाल को खत्म करने की इच्छा से गठित की गई एस.टी.एफ. द्वारा कपूरथला जेल में बंद कुख्यात गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरिया को प्रोडक्शन वारंट पर लाकर जेल से मोबाइल फोन पर उसके द्वारा चलाए जा रहे मादक पदार्थों की तस्करी संबंधी मामले में पूछताछ करनी शुरू भी नहीं की गई थी कि लुधियाना में एस.टी.एफ. द्वारा 2 एन.आर.आई. आरोपियों को 5 किलो हैरोइन सहित गिरफ्तार करके जब उनसे बरामद मोबाइल फोन में व्हाट्सएप पर सेव हुए मैसेज को चैक किया गया तो अधिकारियों के पांवों तले से जमीन खिसक गई। 

दरअसल इन तस्करों का बॉस कोई और नहीं, बल्कि विगत माह 200 करोड़ की आईस बैग के साथ पकड़ा गया देश का नामी तस्कर रंजीत सिंह उर्फ राजा कंदोला है, जोकि कपूरथला जेल में बंद है। वह अपने साथी तस्करों को जेल से यह आदेश जारी कर रहा था कि कहां से हैरोइन की खेप लेनी है व उसकी डिलीवरी कहां करनी है। जग्गू भगवानपुरिया व राजा कंदोला द्वारा जेलों में कैद होने के बावजूद प्रदेश में अपनी गतिविधियां धड़ल्ले से चलाई जा रही हैं, जिससे साफ है कि नामी तस्करों व गैंगस्टरों के लिए आजाद रहने की बजाय जेलों में सुरक्षित रहकर बाहर अपना गैंग चलाना फायदेमंद है। 

क्या है मामला 
असल में एस.टी.एफ. अमृतसर द्वारा पिछले दिनों हैरोइन की स्मगङ्क्षलग करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए संदीप सिंह, गडगजीत सिंह, बचित्र सिंह, मंदीप सिंह व गुरसेवक सिंह से जब सख्ती से पूछताछ की गई तो संदीप ने खुलासा किया कि जेल में बंद सुक्खा काहलवां गैंग का प्रमुख जग्गू भगवानपुरिया ही फोन पर उन्हें मादक पदार्थों की डिलीवरी लेने व देने संबंधी आदेश देता है।

इतना ही नहीं गत दिनों कोटकपूरा में एक मेले में गैंगस्टर लवी दियोड़ा की गोलियां मारकर हत्या करने वाले आरोपियों दीपक, सम्पत व भोला शूटर के भी भगवानपुरिया के साथ गहरे संबंधों के चलते पुलिस द्वारा भगवानपुरिया को भी इस हत्याकांड में नामजद किया गया है, जिसके द्वारा लवी को मारने की साजिश जेल में बैठकर रखने का आरोप है। एस.टी.एफ. द्वारा उसे मादक पदार्थों की तस्करी के आरोप में जेल से प्रोडक्शन वारंट पर लाकर पूछताछ शुरू कर दी गई है। इसके बाद कोटकपूरा पुलिस लवी दियोड़ा हत्याकांड में उसे गिरफ्तार करेगी। 


दूसरी तरफ लुधियाना एस.टी.एफ. द्वारा 4 दिन पहले 5 किलो हैरोइन संग गिरफ्तार किए गए एन.आर.आई. तस्करों पलविंद्रजीत सिंह व रविंद्र रवि से बरामद हुए मोबाइल फोन में व्हाट्सएप मैसेज में राजा कंदोला द्वारा जेल से भेजा गया वॉयस मैसेज भी जमा है, जिसमें राजा उन्हें हैरोइन की खेप की डिलीवरी संबंधी जानकारी दे रहा है। पकड़े गए दोनों आरोपी अमरीका में भी मादक पदार्थों की तस्करी के आरोप में सजा काट चुके हैं, जिन्हें बाद में भारत डिपॉर्ट किया गया था।

ऐसा ही एक मामला कुछ दिन पहले जगराओं पुलिस के भी हाथ आया था, जिसमें हैरोइन की खेप सहित पकड़े गए 2 नाइजीरियनों ने पूछताछ में साफ किया था कि अमृतसर जेल में बंद उनका नाइजीरियन बॉस दरअसल फोन पर हैरोइन की खेप लेने व आगे कहां डिलीवर करनी है, संबंधी आदेश देता है।

इन तीनों हाईप्रोफाइल मामलों ने साफ कर दिया है कि किस तरह पंजाब की जेलों में बंद कुख्यात गैंगस्टर व इंटरनैशनल नशा तस्कर मोबाइल फोन पर अपना वर्चस्व व व्यापार चला रहे हैं, जबकि जेल प्रशासन आए दिन छापामारी करके मोबाइल फोन पकडऩे के दावे करता है। फिर भी इन अपराधियों को फोन कौन उपलब्ध करवा रहा है। इस सवाल का जवाब सरकार व पुलिस के लिए ङ्क्षचता का कारण बना हुआ है, क्योंकि बिना पुलिस मुलाजिमों की मदद के जेल में मोबाइल फोन तो क्या परिंदा भी पर नहीं मार सकता।
 

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