विधानसभा चुनाव में हार, भाजपा अकेले भी लड़ सकती है निगम चुनाव

Edited By Updated: 03 Mar, 2017 10:26 AM

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पंजाब विधानसभा चुनाव के परिणाम 11 मार्च को आएंगे लेकिन पंजाब में चुनावी माहौल यही खत्म नहीं होगा। 4 बड़े शहरों जालंधर, लुधियाना, अमृतसर व पटियाला में निगम चुनाव भी होने हैं।

जालंधर/लुधियानाः पंजाब विधानसभा चुनाव के परिणाम 11 मार्च को आएंगे लेकिन पंजाब में चुनावी माहौल यही खत्म नहीं होगा। 4 बड़े शहरों जालंधर, लुधियाना, अमृतसर व पटियाला में निगम चुनाव भी होने हैं। इस समय जालंधर और अमृतसर में भाजपा के, लुधियाना और पटियाला में अकाली दल के मेयर हैं। अकाली दल-भाजपा ने मिलकर ही ये चुनाव लड़े हैं। भाजपा सूत्रों का कहना है कि अगर भाजपा-अकाली गठजोड़ विधानसभा चुनाव हार जाता है तो इस बात की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता कि भाजपा निगम चुनाव अपने दम पर अकेले लड़े। भाजपा का एक गुट काफी समय से हाईकमान से अकेले चुनाव लडऩे की मांग कर रहा है। एक भाजपा नेता ने बताया कि चारों शहरों में भाजपा का बड़ा आधार है। भाजपा ऐसा कर अपनी ताकत को तोलना चाहेगी। क्योंकि विधानसभा चुनाव हारने की स्थिति में भाजपा के पास खोने के लिए कुछ नहीं होगा। वैसे भी पंजाब की यह परम्परा है कि जिसकी राज्य में सरकार होती है चारों शहरों में वही पार्टी काबिज होती है। वैसे भाजपा में एक यह भी बात चल रही है कि अगर राज्य में हंग असैम्बली आती है तो भी भाजपा को निगम चुनाव अकेले लडऩा चाहिए। और अगर चुनाव के बाद गठजोड़ की जरूर पड़ती है तो अकाली दल सपोर्ट कर सकता है । भाजपा के कई बड़े नेता विधानसभा चुनाव भी अकेले लडऩा चाहते थे क्योंकि इन नेताओं को इस बात का अहसास था कि अकाली दल के प्रति लोगों में गुस्सा है। इसका नुक्सान भाजपा को शहरों में हो सकता है लेकिन भाजपा हाईकमान ने इनकी बात नहीं मानी लेकिन अब अगर विधानसभा चुनाव में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा तो हाईकमान भी इस बात की मंजूरी दे सकता है कि भाजपा लोकल चुनाव अपने दम पर अकेले लड़े।

भाजपा में तूफान से पहले की शांति, 11 के बाद हो सकता है बड़ा फेरबदल

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पंजाब इकाई ने चुनाव परिणाम आने से पहले ही हार की समीक्षा कर ली थी। यह मीटिंग फ्लाप रही थी। इस मीटिंग के साथ भाजपा की गतिविधियां राज्य में एक तरह से बंद हैं। भाजपा में इस समय तूफान से पहले की शांति है। भाजपा के एक नेता का कहना है कि इस बात की प्रबल संभावना है कि 11 मार्च के बाद भाजपा में बड़ा फेरबदल हो सकता है क्योंकि जो फीडबैक मिल रहा है उससे तो यही लगता है कि भाजपा को बड़ी हार का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि 15 सीटों पर नोताओं ने भाजपा के खिलाफ काम किया है। सूत्रों का कहना है कि हाईकमान के पास डेढ़ दर्जन उम्मीदवारों ने यह शिकायत की है कि उनका विरोध अपनी पार्टी के लोगों ने ही किया है। दोआबा मे पार्टी के एक बड़े नेता के गुट पर 3 सीटों जालंधर वैस्ट, फगवाड़ा व होशियारपुर में काम करने के आरोप लगे हैं। सूत्रों का कहना है कि पार्टी के नेताओं को दिखाने के लिए कुछ नेताओं ने चुनाव के समय साथ देने का नाटक किया लेकिन मतदान के दिन अपने लोगों को पार्टी के खिलाफ वोट डालने को कह दिया, ऐसा एक वीडियो वायरल भी हुआ था।

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