Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Oct, 2017 02:13 PM
नोटबंदी व जी.एस.टी. लागू होने से जहां देश भर में हाहाकार मची हुई है वहीं सी.एम. सिटी के नगर निगम को भी इसकी मार पड़ रही है।
पटियाला (राजेश): नोटबंदी व जी.एस.टी. लागू होने से जहां देश भर में हाहाकार मची हुई है वहीं सी.एम. सिटी के नगर निगम को भी इसकी मार पड़ रही है। पंजाब सरकार की तरफ से चुंगी खत्म करने के बाद सरकार नगर निगमों को वैट के रूप में आर्थिक मदद भेजती थी परंतु सितम्बर महीने में निगम को एक भी किस्त नहीं मिली जिसके कारण उसकी आर्थिक हालत बिल्कुल मंदी हो गई है।
नगर निगम को हर महीने आबकारी व कराधान विभाग की तरफ से 57-57 लाख की पांच किस्तें भेजी जाती थीं, जिसके सहारे ही नगर निगम अपने मुलाजिमों को वेतन दे पाता था परंतु सितम्बर महीने में वैट की कोई किस्त नहीं आई, जिसके कारण नगर निगम का समूचा काम गड़बड़ा गया है। सरकारी स्तर पर अभी तक यह फैसला भी नहीं हो सका कि वैट से होने वाली निगमों की आमदनी की भरपाई सरकार किस खाते से पूरा करेगी, क्योंकि जी.एस.टी. की अभी तक किसी को कोई समझ नहीं आ रही है। अक्तूबर में दीवाली समेत अन्य त्यौहार आ रहे हैं, जिसके कारण मुलाजिमों को वेतन की अति जरूरत है, अगर नगर निगम ने मुलाजिमों को सही समय पर वेतन नहीं दिया तो निगम के मुलाजिम बड़ा आंदोलन कर सकते हैं, इसके लिए उन्होंने निगम प्रशासन को अल्टीमेटम भी दे दिया है।
पी.एफ. का बकाया 12 करोड़ रुपए
नगर निगम अपने मुलाजिमों के पी.एफ. खाते भी पूरे नहीं कर पा रहा है। निगम मुलाजिमों के वेतन से पी.एफ. की राशि तो काट लेता है परंतु उसे उनके खातों में जमा नहीं करवाता, जिसके चलते पी.एफ. का बकाया 12 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। पी.एफ. नियमों के मुताबिक निगम को हर महीने उनके खातों में पी.एफ. की राशि जमा करवानी होती है परंतु अपनी आर्थिक कंगाली के चलते निगम ऐसा नहीं कर पा रहा है, जिसके कारण मुलाजिमों का गुस्सा बढ़ता ही जा रहा है।
हर महीने 5 करोड़ रुपए वेतन और 2 करोड़ रुपए के अन्य खर्चे हैं
नगर निगम केनगर निगम को हर महीने अपने मुलाजिमों के वेतन पर 5 करोड़ रुपए खर्च करने पड़ते हैं जबकि 2 करोड़ रुपए के बिजली के बिल व आप्रेशन एंड मैंटीनैंस के परमानैंट खर्चे हैं। इसके अलावा निगम को किसी भी आपात स्थिति के लिए 50 लाख रुपए अपने पास रखने होते हैं, जबकि मौजूदा आमदनी में निगम अपने यह कमिटेड खर्चे कर पाने में भी सफल नहीं हो रहा है।