Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Nov, 2017 04:41 AM
सॉफ्टवेयर के माध्यम से बात कर पंजाब का माहौल खराब करने का प्रयास करने वाले को पकडऩा पंजाब पुलिस के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। पकड़े गए सभी आरोपियों से भी पुलिस अब तक यही पता लगवा पाई है कि उन्हें पैसे देने और हत्याएं करवाने वाला बॉस है, वह कौन...
लुधियाना(ऋषि): सॉफ्टवेयर के माध्यम से बात कर पंजाब का माहौल खराब करने का प्रयास करने वाले को पकडऩा पंजाब पुलिस के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। पकड़े गए सभी आरोपियों से भी पुलिस अब तक यही पता लगवा पाई है कि उन्हें पैसे देने और हत्याएं करवाने वाला बॉस है, वह कौन है और कहां रहता है। इसके बारे में पांचों आरोपियों को कुछ नहीं पता।
पंजाब का माहौल खराब करने का प्रयास करने के लिए उन्होंने हर समुदाय के लोगों की हत्या की, लेकिन समझदारी दिखाते हुए लोगों ने भड़कने की बजाय पुलिस का साथ दिया। जिस कारण लाख प्रयास करने के बाद भी वे पंजाब में दंगे नहीं करवा सके, जो उनका मकसद है। इस बात का खुलासा पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ दौरान हुआ है।
फुलप्रूफ होती थी साजिश
आई.एस.आई. द्वारा पंजाब में पुन: माहौल खराब करने के लिए रची गई साजिश इतनी जबरदस्त होती थी कि एक-दूसरे संबंधी जानकारी व पहचान को लेकर भी पूरी तरह पर्दा रखा जाता था। यही वजह थी कि पंजाब पुलिस सख्त मेहनत के बावजूद केस ब्रेक करने से चुकती गई। वर्ष 2016 से पंजाब में शुरू हुआ हिंदू नेताओं की हत्याओं का दौर यकीनन आगे भी जारी रहता, लेकिन पंजाब पुलिस की किस्मत व हार्डवर्क ने साथ दिया और आखिरकार कड़ी के साथ कड़ी मिलती गई व सीमा पार से रची गई साजिशों का पर्दाफाश हो गया। हिंदू नेताओं दुर्गादास गुप्ता, ब्रिगेडियर जगदीश गगनेजा, डेरा प्रेमी पिता-पुत्र, अमित शर्मा व पास्टर सुलतान मसीह के बलिदान ने अपना रंग दिखाया व पंजाब में साम्प्रदायिक तनाव व पुन: आतंकवाद जीवित करने में जुटी विदेशी ताकतों की हकीकत सामने आ गई।
चौसर का गठजोड़ बना वजह
राज्य में पूरी तरह दम तोड़ चुके आतंकवाद को पुन: सजीव करने के लिए तड़प रही आई.एस.आई., विदेशों में जाकर छिपे पूर्व आतंकियों, राज्य में सोशल मीडिया में सक्रिय गर्मख्याली युवाओं व कुख्यात गैंगस्टरों की चौसर ने एक के बाद एक करके हिंदू नेताओं की हत्याओं को अंजाम दिया। इस गठजोड़ का काफी समय बाद बेनकाब होना कांग्रेस सरकार व पंजाब पुलिस के लिए तो वरदान साबित हुआ ही, बल्कि पंजाब की जनता को भी सुकून मिला।
माछीवाड़ा नहर से निकला बाइक
गगनेजा हत्याकांड में प्रयोग बाइक को शेरा ने माछीवाड़ा नहर में फैंक दिया था जिसे इतने समय बाद पुलिस ने उसी की निशानदेही पर बाहर निकाल लिया है। उस वारदात में भी बाइक रमनदीप चला रहा था।
पुलिस के हाथ लगे 5 और रिवाल्वर
पुलिस के हाथ 30 बोर, 32 बोर, 9 एम.एम. के 5 और रिवाल्वर लगे हैं। इसी के साथ पुलिस ने वारदातों में प्रयोग 3 मोटरसाइकिल व एक कार बरामद की है
शिंगार बम कांड के बाद अब सरगर्म हुआ स्लीपर सैल
आतंकवाद की समाप्ति के बाद पूरी तरह से तहस-नहस हुआ आतंकी नैटवर्क महानगर के शिंगार सिनेमा में हुए बम कांड में सरगर्म हुआ था जिसे बाद में पुलिस ने पूरी तरह ध्वस्त कर दिया था। लगभग एक दशक बाद वर्ष 2016 के जनवरी माह में पुन: सक्रिय हुए स्लीपर सैल के कारण विदेश में बैठे आतंकियों व आई.एस.आई. ने 2 वर्षों के भीतर हिंदू नेताओं की हत्याएं कर शांति में जहर घोल दिया था।