Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 Aug, 2017 12:54 PM
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और मौजूदा मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह की हकूमत समय-समय पर डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम, जो अब बलातकार के दोष में सजा काट रहा है, के बल देती रही है।
भटिंडाः पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और मौजूदा मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह की हकूमत समय-समय पर डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम, जो अब बलातकार के दोष में सजा काट रहा है, के बल देती रही है। पहले कैप्टन सिंह की सरकार ने डेरा प्रमुख को खुश करने के लिए गांव केले वांदर का नाम बदल कर नसीबपुरा रखा और बाद में प्रकाश सिंह बादल सरकार ने डेरा प्रेमियों की बहुसंख्यक वाले गाँव कोटली खुर्द का नाम बदल कर प्रेम कोटली रख दिया था।
कैप्टन सरकार ने साल 2004 -05 दौरान जिला भटिंडा के गांव केले वांदर का नाम डेरा प्रमुख की माता नसीब कौर के नाम पर नसीबपुरा रखा था। इस बारे नोटिफिकेशन कांग्रेस हूकमत समय जारी हुआ था। गांव नसीबपुरा के मौजूदा सरपंच गुरतेज सिंह ने कहा कि गांव के नाम के पृष्टभूमि बारे वह कुछ नहीं जानते परन्तु इतना जरूर पता है कि जब गांव का नाम बदला जा रहा था तो तब गाँव के वांदर गोत्र के लोगों ने ऐतराज किया था।
बताने योग्य है कि इस गांव में नाम चर्चा घर भी बना हुआ है और गांव की वोट करीब 3150 है। इस गांव में 70 फीसदी डेरा प्रेमी हैं। गांव की समकालीन सरपंच मलकीत कौर ने बताया कि गांव के प्रेमी डेरा सिरसा से गांव का नाम निकलवा कर लाए थे क्योंकि पहले गांव का नाम ठीक नहीं था। इस कारण बहु -संख्या लोगों की मांग पर गांव का नाम बदलने के लिए संकल्प लिया था।
इस गांव के डेरा प्रेमी नसीब सिंह ने कहा कि पुराने समय में गांव में छप्पड़ किनारे बैठे साधू पर औरतों ने अारोप लगा दिए थे, जिस कारण उस साधू ने गांव को श्राप दिया था। गांव में काफी समय पहले जब शाह सतनाम जी आए थे तो लोगों ने विनती की कि उनके गांव का कोई काम नहीं हो रहा है। शाह सतनाम ने तब वर दिया था कि यह नसीबों वाला गांव होगा, जिस कारण गांव का नाम नसीबपुरा पड़ा है। कई लोगों का कहना है कि डेरा प्रमुख की माता नसीब कौर के नाम पर गांंव का नाम नसीबपुरा रखा गया था।
अकाली -भाजपा गठबंधन सरकार ने डेढ़ -दो साल पहले भटिंडा के गांव कोटली खुर्द का नाम तबदील करके प्रेम कोटली रख दिया था। लोगों ने बताया कि काफी अरसा पहले डेरा सिरसा के समकालीन प्रमुख शाह सतनाम गांव कोटली खुर्द आए थे, जिन्होंने गांव में प्रेमियों की संख्या ज़्यादा होने पर कहा था कि इस गांव का नाम प्रेम कोटली होना चाहिए। पंचायती संकल्प पड़ने बाद में गठबंधन सरकार ने इस गांव का नाम बदल कर दिया था।