Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Sep, 2017 04:11 PM
समाज में बच्चियों को बराबर का दर्जा देने के मकसद के साथ 15 अगस्त से 20 जाबांज बहादुर महिलाअों की अध्क्षता में चल रही कैमल सफारी यात्रा का सीमापट्टी पर पड़ते गांव के सरकारी हाई स्कूल गुदड पांच ग्रामीण में बी.एस.एफ. की 2वीं बटालियन के सहयोग के साथ...
जलालाबाद (सेतिया) : समाज में बच्चियों को बराबर का दर्जा देने के मकसद के साथ 15 अगस्त से 20 जाबांज बहादुर महिलाअों की अध्क्षता में चल रही कैमल सफारी यात्रा का सीमापट्टी पर पड़ते गांव के सरकारी हाई स्कूल गुदड पांच ग्रामीण में बी.एस.एफ. की 2वीं बटालियन के सहयोग के साथ आयोजित समारोह दौरान स्वागत किया गया।
इस मौके डी.आई.जी. अबोहर मधु सूदन शर्मा बी.एस.एफ और बटालियन कमांडैंट एच.पी.एस. सोही, तहसीलदार फिरोजपुर नवप्रीत कौर, एस.डी.एम. चरनदीप सिंह और स्कूल प्रिंसीपल राकेश कुमार और स्टाफ द्वारा भरपूर स्वागत किया गया।
इस मौके स्कूल के विद्यार्थियों और छात्राअों की तरफ से गिद्दा, भंगड़ा पेश कर सभी का दिल जीता। यही नहीं समाज में फैली बुराईओं के खिलाफ पेश की गई कोरियोग्राफी को भी प्रत्येक ने बखूबी पसंद किया।
मीडिया से बातचीत करते डी.आई.जी. शर्मा ने बताया कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ मुहिम के अंतर्गत हमें लड़कियों को लड़कों के बराबर अधिकार देने चाहिएं। उन्होंने कहा लड़कियां किसी पक्ष से भी लड़कों से कम नहीं बल्कि हर क्षेत्र में प्राप्तियां कर रही हैं।
उन्होंने बताया कि इस यात्रा में भारतीय सीमा सुरक्षा बल की 20 जाबांज बहादुर महिलाओं ने उंट पर सवार होकर गुजरात और राजस्थान के सरहदी क्षेत्रों से होते हुए राजस्थान के हिन्दुमल कोट चौंकी से पंजाब में प्रवेश किया। कैमल सफारी यात्रा बाघा बार्डर पहुंच कर 2 अक्तूबर को समाप्त होगी। इस उपरांत मुख्य मेहमान ने जाबांज महिलाअों और समारोह में प्रोगराम पेश करने वालों को सम्मानित भी किया गया। साथ ही स्कूल की बच्चियों को बी.एस.एफ. की तरफ से वाटर बोतल और एन.जी.ओ. बोबी अरोड़ा की अगुवाई में दो विक्लांग औरतों को ट्राई साइकिल भी दिए गए।