Edited By Punjab Kesari,Updated: 09 Dec, 2017 09:31 AM
अकालियों द्वारा आज नैशनल हाईवे-1 पर लगाए गए धरने से जहां लोगों के लिए दिक्कतों का शुक्रवार रहा, वहीं स्कूलों में पढ़ाई के लिए जाने वाला विद्यार्थी वर्ग भी इस धरने से अछूता नहीं रहा। दोपहर बाद 2.30 से 3 बजे के बीच स्कूलों में छुट्टी होने के बाद जब...
लुधियाना(विक्की): अकालियों द्वारा आज नैशनल हाईवे-1 पर लगाए गए धरने से जहां लोगों के लिए दिक्कतों का शुक्रवार रहा, वहीं स्कूलों में पढ़ाई के लिए जाने वाला विद्यार्थी वर्ग भी इस धरने से अछूता नहीं रहा। दोपहर बाद 2.30 से 3 बजे के बीच स्कूलों में छुट्टी होने के बाद जब बसों में बैठकर बच्चे घरों को लौटने लगे तो उन्हें भी इस धरने के चलते लगे लंबे जाम ने घेर लिया।
नौनिहालों के समय पर घर न पहुंचने पर चिंतित हुए अभिभावकों ने बस ड्राइवरों व स्कूलों में लगे फोन की घंटियां बजानी शुरू कर दीं, जिनको बताया गया कि धरने के कारण लगे लंबे जाम में स्कूली बसें फंसी हुई हैं, जिस कारण बच्चे कुछ समय देरी से घर पहुंचेंगे। हालात यह रहे कि बच्चे करीब 2 घंटे बाद अपने घर पहुंचे।
अभिभावकों ने कहा कि अकाली दल तो अपना रोष प्रकट कर रहा है, लेकिन इसमें उनके बच्चों का क्या कसूर है, जो भूखे-प्यासे ही बसों में बैठकर घर पहुंचने का इंतजार कर रहे हैं। उधर, बच्चों को स्कूल लेने पहुंचे पेरैंट्स ने भारी जाम को देखते हुए अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल से सवाल किया कि इन नौनिहालों का क्या कसूर था। धरने के कारण इन्हें किस बात की सजा मिली।