Edited By Updated: 24 Mar, 2017 02:20 PM
एक तरफ जहां पंजाब इस समय प्रत्येक क्षेत्र में मुश्किलों के दौर से गुजर रहा है, वहीं पंजाब में दिन-प्रतिदिन गहरे होते जा रहे भूमिगत जल के संकट ने भी पानी की धरती को नई मुसीबत में डाल दिया है।
मोगा(गोपी राऊंके): एक तरफ जहां पंजाब इस समय प्रत्येक क्षेत्र में मुश्किलों के दौर से गुजर रहा है, वहीं पंजाब में दिन-प्रतिदिन गहरे होते जा रहे भूमिगत जल के संकट ने भी पानी की धरती को नई मुसीबत में डाल दिया है। पंजाब सहित मालवा के शहर मोगा जिले में भूमिगत जल की समस्या इतनी गंभीर बन गई है कि जिले के 2 ब्लॉकों मोगा-2 तथा निहाल सिंह वाला में पानी का स्तर बेहद नीचे पहुंचने के कारण इनको डार्क जोन घोषित किया गया है।‘पंजाब केसरी’ की ओर से एकत्र की जानकारी के अनुसार मोगा जिले में भूमिगत जल का स्तर काफी कम होने का कारण खेती मोटरें को माना जा रहा है।
सूत्र बताते हैं कि जिले में बहुसंख्यक किसानों की ओर से रिवायती फसल चक्र गेहूं तथा धान की खेती की जाती है, जिसके कारण धान की फसल में लगातार पानी खड़ा करने के लिए जिले भर के खेतों में चलती लगभग 1 लाख खेती मोटरों ने धरती के नीचे के पानी को सूखा दिया है। चाहे सरकार तथा इसके सहयोगी कृषि विभाग ने भूमिगत जल को बचाने की कई बार घोषणा की है, लेकिन सरकारी घोषणा सिर्फ घोषणा बन कर रह जाती है, जिसके कारण अमली तौर पर अभी भी बहुत कुछ करने की जरूरत है। यदि आने वाले समय में न संभले तो कुछ सालों तक पानी की धरती के निवासी पंजाबियों को पीने के लिए शुद्ध पानी मिलना भी मुश्किल हो जाएगा। सूत्रों ने भी स्पष्ट किया है कि पंजाब के सिर्फ 27 प्रतिशत रकबे को नहरी पानी मिलता है, जबकि 73 प्रतिशत सिंचाई खेती मोटरों पर ही निर्भर है, जिसके कारण 1970-71 में लगनी शुरू हुई कृषि मोटरों ने पंजाब को बंजर जैसी स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया है।
किसानों को कम पानी खपत वाली फसलें लगानी चाहिए : सहायक कृषि विकास अफसर
इस मामले संबंधी जब सहायक कृषि विकास अफसर डा. जसविन्द्र सिंह बराड़ से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि किसानों को कम पानी खपत वाली फसलें मक्की आदि बीजने के अलावा सीधी बिजाई की तरफ भी प्रेरित किया जाता है, ताकि धरती के निचले पानी को बचाया जा सके। इसके अलावा विभाग के गांव-गांव में जागरूकता कैंप भी चलते रहते हैं।
क्या कहना है नगर निगम अधिकारियों का
इस मामले संबंधी जब नगर निगम मोगा के चीफ सैनीटरी इंस्पैक्टर मलकीत सिंह से संपर्क किया गया तो उनका कहना था कि पानी बचाने के लिए पहले ही निगम की ओर से किसी भी वी.आई.पी. के आने के समय किया जाने वाला पानी का छिड़काव मुकम्मल तौर पर बंद किया गया है तथा इसके अलावा नगर निगम मोगा की ओर से यह जागरूकता मुहिम चलाई जा रही है कि लोग घरों में पानी जरूरत के अनुसार प्रयोग करें तथा घरों को खुले पानी से धोने की बजाय पोंछा लगाएं, ताकि पानी बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि पानी को बचाने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को अपना बनता रोल अदा करना चाहिए।