Edited By Updated: 06 Dec, 2016 01:33 PM
पंजाब में 2012 के विधानसभा चुनाव में सबसे बड़े लूजर पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत बादल थे। 2007 में अकाली-भाजपा सरकार बनने के बाद मनप्रीत बादल को वित्त मंत्री बनाया गया था लेकिन राज्य में सबसिडी और वित्त से जुड़े मुद्दों पर उनके और मुख्यमंत्री के मध्य...
जालंधर(डिजिटल डैस्क): पंजाब में 2012 के विधानसभा चुनाव में सबसे बड़े लूजर पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत बादल थे। 2007 में अकाली-भाजपा सरकार बनने के बाद मनप्रीत बादल को वित्त मंत्री बनाया गया था लेकिन राज्य में सबसिडी और वित्त से जुड़े मुद्दों पर उनके और मुख्यमंत्री के मध्य मतभेद पैदा हो गए। उन्होंने वित्त मंत्री के पद से इस्तीफा देकर अपने सियासी रास्ते अलग कर लिए। मनप्रीत ने विधानसभा चुनाव में अकाली दल को टक्कर देने के लिए पीपल्ज पार्टी ऑफ पंजाब का गठन किया।
उस वक्त भगवंत मान भी इस पार्टी में शामिल थे। वह 2 विधानसभा सीटों से चुनाव मैदान में उतरे और दोनों सीटों से चुनाव हार गए। हालांकि उनकी पार्टी पहले चुनाव में ही करीब 6 फीसदी वोट हासिल करने में सफल रही लेकिन उनका एक भी उम्मीदवार चुनाव में जीत दर्ज नहीं कर सका। मनप्रीत को गिद्दड़बाहा सीट से 31,822 वोट हासिल हुए। वह तीसरे स्थान पर रहे जबकि मौड़ विधानसभा सीट से उन्हें 26,366 वोट हासिल हुए।
यहां भी उन्हें तीसरा स्थान हासिल हुआ। मनप्रीत ने अकाली दल को सत्ता से हटाने के मकसद से पार्टी का गठन किया लेकिन उनकी पार्टी के द्वारा विभाजित किए गए वोट के चलते कांग्रेस 9 सीटों पर हार गई। कांग्रेस की हार से अकाली दल की जीत का मार्ग प्रशस्त हुआ। मनप्रीत बादल जहां 2007 की सरकार में वित्त मंत्री थे, वहीं 2012 के चुनाव के बाद वह विधायक भी नहीं बन सके। इस बीच उनकी पार्टी भी बिखरनी शुरू हो गई और उनकी पार्टी के कई नेताओं ने अकाली दल ज्वाइन कर लिया जबकि कुछ कांग्रेस में चले गए। अंत में मनप्रीत ने खुद भी कांग्रेस ज्वाइन कर ली।