Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Jul, 2017 01:44 PM
Nawaz Sharif, grandfather, dargah
अमृतसरः पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के पैतृक गांव जातिउमरां स्थित उनके दादा की मजार पर चढ़ाई चादर छात्रों ने फाड़ दी। एक वर्ष पहले इन छात्रों ने ही पाकिस्तान की जेल में बंद नानक सिंह की रिहाई के लिए मजार पर चादर चढ़ाई थी। युवकों ने वहां पाकिस्तान का झंडा जलाकर भी विरोध जताया। युवकों की इस कार्रवाई से गांववासी नाराज हो गए और उन्होंने इसका विरोध किया।
इंडिपैंडेंट्स स्टूडेंट्स यूनियन के प्रधान केशव कोहली ने अमृतसर में बताया कि वह 70 सहयोगियों के साथ तरनतारन के गांव जातिउमरां गए थे। 10 जून 2016 को उन्होंने इस गांव में स्थापित नवाज शरीफ के दादा मियां मोहम्मद बख्श की कब्र पर चादर चढ़ाई थी। इस दौरान उन्होंने दुआ मांगी थी कि पाकिस्तान हुकूमत नानक सिंह को जल्द रिहा करे।
एक साल बाद भी नानक सिंह की रिहाई तो हुई नहीं, उलटे पाकिस्तान रोज सीज फायर का उल्लंघन कर भारतीय सैनिकों को शहीद कर रहा है। कोहली ने बताया कि वह छात्रों के साथ गांव जातिउमरा पहुंचे। वह मोहम्मद बख्श की कब्र पर जा रहे थे कि गांववासियों ने उन्हें रोक लिया। हालांकि वह और उनके करीब 15 साथी गांववासियों को चकमा देकर कब्र तक पहुंचे और वह चादर फाड़ दी, जिसे पिछले वर्ष चढ़ाई गई थी। इसके बाद वहां पाकिस्तान का झंडा भी फूंका।
छात्र नेता कोहली ने आरोप लगाया कि गांव के लोगों को चादर फाड़ने की जानकारी मिली तो वे भड़क गए। गांववासी इतना उग्र हो गए कि वे लोग बड़ी मुश्किल से वहां से निकले। इसके बाद गांववासियों ने पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे भी लगाए। इस संबंध में वह देर शाम पुलिस कमिश्नर से मिले और सारी जानकारी दी।
उधर, गांव के सरपंच दिलबाग सिंह ने कहा कि उनका गांव शांति और सद्भावना का पक्षधर है। हमने केवल छात्रों की ओर से चादर फाड़े जाने का विरोध किया है। पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने का आरोप झूठा व निराधार है। उन्होंने कहा कि भले ही उनका पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का पैतृक गांव है, लेकिन वह भारतीय हैं और अपने देश के साथ हैं।