पंजाब दौरे पर आई सेशैल्ज के राजदूत बोले,पंजाब से कृषि सीखेंगे, टूरिज्म सिखाएंगे

Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Feb, 2018 10:32 AM

philip lee gaul on punjab visit

भारत में पूर्वी अफ्रीकी देश सेशैल्ज के राजदूत फिलिप ली गौल पंजाब तथा सेशैल्ज के मध्य रिश्तों की मजबूती हेतु पंजाब के दौरे पर हैं।

जालंधरः भारत में पूर्वी अफ्रीकी देश सेशैल्ज के राजदूत फिलिप ली गौल पंजाब तथा सेशैल्ज के मध्य रिश्तों की मजबूती हेतु पंजाब के दौरे पर हैं। हिंद महासागर के मध्य बसे इस देश की आबादी सिर्फ 95 हजार है परंतु इसके बावजूद इसकी कुदरती खूबसूरती को देखने के लिए हर वर्ष 3 से साढ़े 3 लाख सैलानी यहां आते हैं। पंजाब दौरे दौरान जालंधर में पंजाब केसरी के दफ्तर पहुंचे फिलिप ली गौल के साथ जगबाणी के पत्रकार रमनदीप सिंह सोढी तथा नरेश कुमार ने उनकी इस फेरी के मकसद को लेकर बातचीत की। पेश है पूरा ब्यौरा : 


श्री हरिमंदिर साहिब आकर आत्मा का परमात्मा से मिलन होता है

 पंजाब यात्रा पर आने का आपका मकसद क्या है?
हर व्यक्ति उस जगह पर जाना चाहता है जहां वह रहता है। मैं भारत में रहता हूं तथा मुझे अभी तक पंजाब आने का मौका नहीं मिला था। यह मेरी पहली पंजाब फेरी है और मेरी इस फेरी के तजुर्बे बहुत बढिय़ा रहे हैं। पंजाब की अमीर विरासत इसकी इमारतों से झलकती है परंतु पंजाबियों की मेहमाननवाजी का कोई जवाब नहीं है। यहां के लोग आने वाले को अपना बना लेते हैं। मुझे यहां के लोगों से मिलकर बहुत अच्छा लगा है।
 

 

पंजाब आने का आपका तजुर्बा कैसा रहा?
मुझे अभी पंजाब में एक दिन ही हुआ है तथा मुझे यहां आकर घर जैसा महसूस हो रहा है। खास तौर पर श्री दरबार साहिब में जाकर मन को बहुत शांति मिली है। यह स्थान धार्मिक तौर पर इंसान को अपने साथ जोड़ता है तथा यहां आकर आत्मा का परमात्मा से मिलन होने जैसा अहसास हुआ है। यहां का खाना भी लाजवाब है। पंजाबी मेहमाननवाजी के अलावा पंजाब के पकवान इस राज्य की दूसरी बड़ी दौलत हैं। हालांकि मुझे पंजाब की खाने-पीने वाली चीजों के नाम याद नहीं हैं परंतु हर चीज को देखते ही मुंह में पानी आता है तथा आप एक पकवान खाने के बाद जब दूसरा खाना खाते हो तो वह पहले से भी ज्यादा बेहतर होता है।

 

 इंडो-सेशैल्ज फ्रैंडशिप तथा बिजनैस कौंसिल का कार्यालय चंडीगढ़ शिफ्ट करने के पीछे क्या कारण है?
हमने दोनों देशों के व्यापारियों को एक मंच पर लाने के लिए एक कौंसिल बनाई है। मुझे लगता है कि पंजाब में एक कौंसिल का कार्यालय होने का ज्यादा फायदा होगा। पंजाब के लोग मेहनती हैं परंतु सेशैल्ज में हर वर्ष आने वाले 3 से साढ़े 3 लाख सैलानियों में पंजाबियों की गिनती नाममात्र है। यह कार्यालय खुलने से पंजाबी सेशैल्ज में आकर यहां की खूबसूरती को देख सकते हैं तथा सेशैल्ज में निवेश की संभावनाएं पैदा कर सकते हैं। 
 

 

सेशैल्ज में सैर-सपाटे की प्रोमोशन के लिए आपकी क्या योजना है? 
सेशैल्ज एक छोटा-सा देश है तथा 1976-77 में हमने इस देश को सैर-सपाटे के केंद्र के तौर पर स्थापित करने के लिए काम शुरू किया था। हमारी सबसे बड़ी खासियत है कि हम सस्ते टूर पैकेज द्वारा सैलानियों को खींचने का काम नहीं करते तथा न ही हमारे पास बड़ी-बड़ी फूडचेन या होटल हैं। हम सैलानियों को कुदरती माहौल का आनंद लेने के लिए सहूलियतें देते हैं। भारत से सेशैल्ज आने वाले सैलानियों की गिनती महज 5 से 10 प्रतिशत है परंतु हम चाहते हैं कि यह गिनती बढ़े क्योंकि हम सेशैल्ज 2020 में इस छोटे-से देश में इंसान की मौजूदगी के 250 साल मना रहे हैं। पहली बार 1770 में 17 फ्रैंच तथा 5 भारतीयों ने समुद्र के मध्य बसे इस छोटे-से टापूनुमा देश में इंसानी मौजूदगी दिखाई थी। लिहाजा भारत के साथ ऐतिहासिक तौर पर भी सेशैल्ज के गहरे संबंध हैं तथा ये संबंध और मजबूत होने चाहिएं।
 

 

 

सेशैल्ज में निवेश की क्या संभावना है?
समुद्र से घिरा होने के कारण सेशैल्ज में फिश्री के अलावा एग्रो फूड तथा सैर-सपाटे के क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं। हालांकि हर कारोबारी का अपना नजरिया होता है तथा निवेश के चाहवान तथा कारोबारी सेशैल्ज में घूम कर तथा लोगों को मिलकर तथा माहौल देखकर अपने हिसाब से ही निवेश की संभावनाएं ढूंढ सकते हैं। यानी यदि कोई सेशैल्ज में जाएगा तो वहां उसे कोई पंजाबी 
ढाबा नहीं मिलेगा। कोई भी पंजाबी वहां जाने के बाद पंजाबी ढाबा खोलने की सोच सकता है। 


 

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह के साथ मुलाकात का मकसद 
पंजाब कृषि प्रधान राज्य है तथा पूरे देश में पंजाब का पैदा किया अनाज खाया जाता है। हमारे देश में खाने-पीने वाले सामान का 80 से 90 प्रतिशत हिस्सा आयात किया जाता है। हमें अपने कृषि के क्षेत्र में काम करने की बहुत जरूरत है तथा हम कृषि की तकनीक तथा बेहतर उत्पादन के तरीके पंजाब से सीख सकते हैं। इस प्रकार हमारे पास सैर-सपाटे का बहुत तजुर्बा है। पंजाब को इस तजुर्बे की जरूरत है। अमृतसर की ही बात कर लें तो इस धार्मिक शहर में हर रोज एक लाख से ज्यादा सैलानी आते हैं जिनकी गिनती हमारे देश की आबादी से भी ज्यादा है परंतु हम पंजाब को सैर-सपाटे के क्षेत्र में ऐसे तरीके सिखा सकते हैं जिससे पंजाब को फायदा हो सकता है। मुख्यमंत्री को मिलने का मकसद पंजाब तथा सेशैल्ज मध्य रिश्तों को मजबूत करना भी है।

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