पंजाबी टीचरों के मुद्दे पर ‘आप’ सरकार की खुली पोल

Edited By Updated: 03 Dec, 2016 09:23 AM

aam aadmi party

अतिथि टीचरों की भर्ती मद्दे पर ‘आप’ सरकार की पोल खुल गई है। सरकार द्वारा पंजाबी तथा उर्दू भाषा के 1478 अतिथि अध्यापकों की भर्ती के लिए अपनाई

नई दिल्ली: अतिथि टीचरों की भर्ती मद्दे पर ‘आप’ सरकार की पोल खुल गई है। सरकार द्वारा पंजाबी तथा उर्दू भाषा के 1478 अतिथि अध्यापकों की भर्ती के लिए अपनाई गई प्रक्रिया को दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने असंवैधानिक करार दिया है। साथ ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल पर सियासी फायदे के लिए ड्रामा रचने का आरोप लगाया है। 

 

कमेटी ने कहा कि केजरीवाल ने पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पंजाबी भाषा के टीचरों की भर्ती का ऐलान करके वाहवाही तो लूट ली लेकिन बाद में खामोश हो गए परंतु गुरुद्वारा कमेटी केजरीवाल के इस ड्रामे को फेल कर देगी। वह पंजाबी को बचाने के लिए कुछ भी कर सकती है।  कमेटी अध्यक्ष मनजीत सिंह जी.के. ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार ने 760 पंजाबी तथा 718 उर्दू अध्यापकों की रिक्तियों को भरने के लिए करोड़ों रुपए विज्ञापन पर खर्च करने के बावजूद जमीन पर कोई कार्य नहीं किया। उन्होंने बताया कि केजरीवाल सरकार ने जानबूझ कर अध्यापकों की भर्ती न करने की मंशा के तहत आवेदक के लिए केन्द्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सी.टी.ई.टी.) को पास करना जरूरी करके असंवैधानिक कार्य किया है। 

 

अतिथि अध्यापक के लिए सी.टी.ई.टी. या किसी राज्य के टी.ई.टी. को पास करना उसी प्रकार से जरूरी नहीं है जैसे कालेज में अतिथि प्रोफैसर लगने के लिए नैट परीक्षा पास करना अनिवार्य नहीं है। उन्होंने खुलासा करते हुए कुछ कागजात भी सार्वजनिक किए। इनमें 2013 में दिल्ली सरकार द्वारा भाषाई अतिथि अध्यापकों को रखने के लिए सी.टी.ई.टी. जरूरी न होने तथा 2014-15 में सी.टी.ई.टी. को विकल्प के तौर पर रखने के जारी हुए सरकारी आदेशों की प्रति शामिल थी। उन्होंने केन्द्रीय प्रशासनिक पंचाट (कैट) द्वारा 2015 में शिक्षकों की कमी को ध्यान में रखते हुए सी.टी.ई.टी. और टी.ई.टी. की अनिवार्यता से छूट देने के दिए गए आदेश का हवाला दिया। 

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