Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Dec, 2017 10:02 AM
नाभा रोड से गुजरती भाखड़ा नहर में एक युवती और व्यक्ति ने भाखड़ा में छलांग लगा दी। बैक-टू-बैक हुई दोनों घटनाओं के साथ अचानक दहशत फैल गई। हालांकि दोनों को गोताखोरों ने बचा लिया और दोनों को राजिंद्रा अस्पताल में भेज दिया गया, जहां मौके पर पहुंचे थाना...
पटियाला(बलजिन्द्र) : नाभा रोड से गुजरती भाखड़ा नहर में एक युवती और व्यक्ति ने भाखड़ा में छलांग लगा दी। बैक-टू-बैक हुई दोनों घटनाओं के साथ अचानक दहशत फैल गई। हालांकि दोनों को गोताखोरों ने बचा लिया और दोनों को राजिंद्रा अस्पताल में भेज दिया गया, जहां मौके पर पहुंचे थाना सिविल लाइन के एस.एच.ओ. डी.एस.पी. सिमरनजीत सिंह लंग ने बयान दर्ज करने के बाद कार्रवाई की बात कही।
जानकारी के अनुसार पहले एक 19 वर्षीय युवती ने भाखड़ा में छलांग मार दी। युवती को भोले शंकर डाइवर्ज क्लब के प्रधान शंकर भारद्वाज केनेतृत्व में गोताखोरों ने निकाल लिया। पीड़ित युवती ने बताया कि उसने अपने प्रेमी से परेशान होकर भाखड़ा में छलांग लगाई, जिसको मौके पर पहुंचे डी.एस.पी. लंग ने तुरंत राजिंद्रा अस्पताल भेजकर उसके परिवार वालों को सूचित कर दिया। मौके पर युवती के परिवार वाले भी पहुंच गए थे।
कुछ देर बाद ही पत्नी और ससुराल परिवार से परेशान हुए अविनाश कुमार पुत्र मंगत कुमार निवासी गुरबख्श कालोनी पटियाला ने भी भाखड़ा में छलांग मार दी, जिसको खुद प्रधान शंकर भारद्वाज ने डाइव लगाकर भाखड़ा नहर में से निकाला। अविनाश कुमार ने बताया कि उसकी पत्नी और ससुराल वाले उसे परेशान करते हैं। उसकी 2 बेटियां हैं, जिनके कारण वह अक्सर चुप रहता था परंतु अब उससे बर्दाश्त नहीं हो रहा था, इसलिए उसने तंग आकर आत्महत्या करने के लिए भाखड़ा नहर में छलांग मारी। पुलिस ने अविनाश को भी सरकारी राजिंद्रा अस्पताल में भेज दिया।
आत्महत्या करने की घटनाओं में हुई वृद्धि
पिछला रिकार्ड देखा जाए तो आत्महत्याओं की घटनाओं में काफी ज्यादा वृद्धि है। पिछले दिनों के रिकार्ड के मुताबिक औसतन रोज एक व्यक्ति की तरफ से आत्महत्या की कोशिश की जा रही है। इनमें ज्यादातर नाभा रोड और पस्याणा रोड की ही घटनाएं हैं।
आत्महत्याओं के पीछे घरेलू झगड़े सबसे बड़ा कारण
आत्महत्याओं की जितनी भी घटनाएं सामने आई हैं, उनमें घरेलू झगड़े सबसे बड़ा कारण हैं। जिनमें या तो पति पत्नी झगड़े कर दोनों में एक ने आत्महत्या की कोशिश की या फिर बच्चों से परेशान बुजुर्ग मां-बाप ने आत्महत्या की कोशिश की।
लोगों की कीमती जानें बचाने वाले गोताखोरों को सरकार ने किया नजरअंदाज
भाखड़ा नहर पर तैनात भोले शंकर डाइवर्ज क्लब के गोताखोर लोगों की कीमती जान बचाते हैं, परंतु सरकार की तरफ से उनको कोई सहायता नहीं दी जा रही। हालात यह हैं कि उनको भाखड़ा नहर के किनारे टैंट में सर्दी में रहना पड़ रहा है। गोताखोरों को पारिवारिक गुजारे के लिए भी बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।