Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Nov, 2017 03:20 PM
पंजाब में बढ़ रहे गैंगस्टरों के खतरे का साया जहां आम जनता के लिए परेशानी का सबब बन रहा है, वहीं पुलिस के लिए भी इन्हें रोकना एक बहुत बड़ी चुनौती है। इन गैंगस्टरों को बढऩे से रोकने के लिए एक विशेष योजना तले पंजाब में नए स्थापित हुए विंग ए.टी.एस....
अमृतसर(इन्द्रजीत/अरुण) : पंजाब में बढ़ रहे गैंगस्टरों के खतरे का साया जहां आम जनता के लिए परेशानी का सबब बन रहा है, वहीं पुलिस के लिए भी इन्हें रोकना एक बहुत बड़ी चुनौती है। इन गैंगस्टरों को बढऩे से रोकने के लिए एक विशेष योजना तले पंजाब में नए स्थापित हुए विंग ए.टी.एस. (एंटी टैरेरिस्ट स्क्वायड) ने इसके कारण ढूंढने में कई ऐसी चीजें देखी हैं, जो अभी तक पुलिस अथवा अन्य विभागों के सामने सीधे तौर पर नहीं आ रही थीं।
इनमें मुख्य तौर पर गैंगस्टरों की गतिविधियों का आकलन करने पर पाया गया है कि गैंगस्टरों व मनी माफिया में सशक्त मेल है, जिसके कारण गैंगस्टर अंदर ही अंदर अपनी ताकत बढ़ाते जाते हैं। यहां तक कि गैंगस्टर जेलों में जाने के उपरांत भी पहले की तरह ही अपना कारोबार चलाते हैं, किंतु अब अपराधियो के इस गठजोड़ को तोडऩे में सिंघम के राडार पर गैंगस्टर व मनी माफिया आएंगे।
कैसे बनता है गैंगस्टर-मनी माफिया गठजोड़
ए.टी.एस. की जांच में पता चला कि गैंगस्टरों के पीछे अधिकतर वे लोग होते हैं, जो बड़ी रकमें लोगों को ऊंचे ब्याज पर देते हैं। इनमें अधिकतर लोग ब्याज से डिफाल्टर बन जाते हैं और मनी माफिया की निगाहें उनकी जायदाद हड़पने पर पहुंच जाती हैं किंतु जायदाद को हड़पने के लिए उन्हें गैंगस्टरों की आवश्यकता पड़ती है और मिली रकम में हिस्सा गैंगस्टरों को मिल जाता है। इसमें चेन उस वक्त और बढ़ जाती है, जब गैंगस्टर ही इनका रुपया निकलवाते हैं और गैंगस्टरों द्वारा निकलवाए गए पैसों को वे आगे फिर ब्याज पर दे देते हैं। इस प्रकार उनकी दो नंबर की चेन बनी रहती है और पैसा रखने के लिए बैंक आदि की आवश्यकता नहीं पड़ती।
गैंगस्टरों/मनी माफिया का गठजोड़ तोड़ा जाएगा : आई.जी.
इस संबंध में ए.टी.एस. के आई.जी. कुंवर विजय प्रताप सिंह ने कहा कि गैंगस्टरों व मनी माफिया के बीच में गठजोड़ क्या है, इसकी सबसे पहले जांच करने के बाद चेन तोड़ी जाएगी। उन्होंने कहा कि यदि गैंगस्टरों को मिलने वाली आॢथक सहायता बंद हो जाए तो इन्हें पकडऩा और भी आसान हो जाएगा। अक्सर देखा जाता है कि पैसे के बल पर ये लोग जेलों में रह कर भी बाहर के अपराधियों को निर्देश देकर उनसे हत्याएं करवाते हैं।
गैंगस्टरों के निशाने में आते हैं अमीरों के लड़के
अधिकतर गैंगस्टर अमीरों के भोले-भाले लड़कों को अपनी शोहरत के जाल में फंसा लेते हैं और उन्हें सबसे पहले मैच फिकिं्सग, बुकी आदि कामों में पैसे लगवा देते हैं फिर कुछ कमाई दिखाने के उपरांत उन्हें अपने साथ जोड़ लेते हैं और फिर ये लोग भी इनकी चेन की कड़ी बन जाते हैं।
मनी माफिया के लगाए चैकों की होगी जांच
उन्होंने कहा कि आम तौर पर ब्याज पर रकम के बदले मनी माफिया लोगों से बतौर अमानत खाली चैक ले लेते हैं। इन कोरे चैकों पर किए हस्ताक्षरों के उपरांत इन चैकों को किसी न किसी तरीके अथवा दूसरे लोगों की मदद से बैंक में प्रस्तुत करने के उपरांत इन लोगों पर केस बना देते हैं। ए.टी.एस. इन पूरी चीजों की जांच करेगी कि किन लोगों के चैक वापस गए और किन पर मामले बनाए गए। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में लोग मनी माफिया व गैंगस्टरों के डर से आत्महत्याएं कर लेते हैं। कई लोग तो इनके डर से शहर छोड़ कर भाग जाते हैं।
हत्याओं को जोड़ा जाता है आतंकवाद से
देखने में आया है कि जब गैंगस्टर किसी की हत्या करते हैं तो इसके बाद उठे बवाल के बाद इसे आतंकवाद की घटना से जोड़ दिया जाता है। इसकी वास्तविकता यह होती है कि गैंगस्टरों की आपसी रंजिश अथवा मनी माफिया के लेन-देन के बारे में चल रहे विवाद के बाद जब कोई नतीजा नहीं निकलता तो गैंगस्टर घातक हो जाते हैं और हत्या के उपरांत मौके पर प्रत्यक्ष साक्ष्य न मिलने के कारण इसे आतंकवाद की घटना से जोड़ दिया जाता है, जिससे सामाजिक संतुलन बिगडऩे लगता है और दंगे-फसाद बढऩे की संभावना भी बढ़ जाती है किंतु ए.टी.एस. ऐसे मामलों को अब अपने एंगल से देखेगी ताकि इसकी पूरी सच्चाई तक पहुंचा जाए।
समाज की नजरों में गैंगस्टर व सूदखोर अलग-अलग
आम तौर पर समाज में गैंगस्टरों को तो गुंडों की नजर से देखा जाता है और इन्हें आतंकी वारदातों में भी जिम्मेदार ठहराया जाता है, किंतु दूसरी ओर सफेदपोश लोग जो घर बैठे ब्याज की बड़ी रकमें ऐंठते हैं और उनकी वसूली न होने पर मामले को गैंगस्टर के हवाले कर देते हैं, किंतु इस मामले में ए.टी.एस. पूरी सच्चाई सामने लाएगी। गैंगस्टर और सूद माफिया के क्या संबंध हैं और समाज की नजर में जो लोग पीछे रहकर सफेद कपड़ों में मनी टैरर फैलाते हैं उन्हें बेनकाब किया जाएगा।