Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Dec, 2017 10:08 AM
शहर में देश के महान शहीद ऊधम सिंह का जन्म 26 दिसम्बर, 1899 को हुआ जिन्होंने अमृतसर में 13 अप्रैल, 1919 को जलियांवाला बाग में हुए खूनी हत्याकांड का बदला लंदन में जाकर माइकल अडवायर को गोली मारकर लिया। शहीद ऊधम सिंह ने हंसते-हंसते गिरफ्तारी दी जिन्हें...
सुनाम (बांसल): शहर में देश के महान शहीद ऊधम सिंह का जन्म 26 दिसम्बर, 1899 को हुआ जिन्होंने अमृतसर में 13 अप्रैल, 1919 को जलियांवाला बाग में हुए खूनी हत्याकांड का बदला लंदन में जाकर माइकल अडवायर को गोली मारकर लिया। शहीद ऊधम सिंह ने हंसते-हंसते गिरफ्तारी दी जिन्हें 31 जुलाई, 1940 को फांसी दे दी गई।
स्थानीय शहर के लोगों को ऊधम सिंह का यहां जन्म स्थान होने पर गर्व है। शहीद के भांजे खुशी ने कहा कि शहीद की यादगार बनाने बारे सरकारों ने कई बार कहा परंतु अभी तक यादगार नहीं बनी। शहीद ऊधम सिंह पूरे देश के शहीद हैं। सरकार चाहे राज्य व केन्द्र की हो, उसे इतने महान शहीद के जन्म स्थान जिसे दुनिया के कोने-कोने से लोग देखने आते हैं वहां उसकी यादगार बनानी चाहिए। उन्होंने कहा कि उनकी उम्र बहुत हो चुकी है। वह लंदन से शहीद की यादगारों को खुद देखना व लाना चाहते हैं, यही उनकी अंतिम इच्छा है।
उन्होंने कहा कि उनकी किताबें, लालटेन, छतरी, कपड़े व अन्य ऐसी कई चीजें हैं जिन्हें वह छूना चाहते हैं। सरकार द्वारा उनकी यहां यादगार बनाना उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी। इस मौके पर खुशी के पौत्रे हरपाल सिंह ने कहा कि वह बचपन से ही अपने दादा जी से ऊधम सिंह के जीवन व उनके देश प्रेम की बातें सुनता रहा है व उनकी इच्छा भी है कि शहीद की यादगार बने ताकि स्थानीय व दूर से आने वाले लोग इस बारे जागरूक हो सकें। नगर पार्षद विजयपाल ने कहा कि सी.एम. को मिलकर शहीद की यादगार बनाने के प्रयास करने चाहिएं, पंजाब सरकार द्वारा इसके लिए कार्य शुरू किए जा चुके हैं।
कांग्रेसी नेता दामन थिंद बाजवा ने कहा कि वह स्थानीय शहर में यादगार बनने को लेकर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह व नवजोत सिंह सिद्धू से लोगों की मांगों को लेकर मिले थे जिसके लिए कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने महान शहीद की यादगार बनाने का पूरा भरोसा दिया। दामन थिंद ने कहा कि वह यहां यादगार बनाने को लेकर प्रयत्नशील हैं व इसे जल्द बनाया जाएगा।