Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Jan, 2018 04:06 PM
दसवीं की परीक्षा में नकल करवाने से मना करने वाली दलित लड़की तथा उसके परिवार को पंजाब सरकार द्वारा अध्यापकों पर कार्रवाई करने के कारण काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
पटियालाःदसवीं की परीक्षा में नकल करवाने से मना करने वाली दलित लड़की तथा उसके परिवार को पंजाब सरकार द्वारा अध्यापकों पर कार्रवाई करने के कारण काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष दसवीं की परीक्षा में नकल करवाने से मना करने पर स्कूल अध्यापकों तथा उच्च जाति वाले साथी छात्रों द्वारा उक्त दलित छात्रा को भेदभाव तथा शारीरिक तौर पर प्रताड़ित किया गया था। इस परछात्रा ने पंजाब सरकार तथा मानव अधिकार कमिश्न में शिकायत की गई थी। इस पर कार्रवाई करते हुए पंजाब सरकार ने प्रिंसीपल सहित 16 अध्यापकों का ट्रांसफर कर जांच के आदेश दिए थे। इसके बावजूद भी 17 वर्षीय छात्रा तथा उसके परिजन पटियाला के गांव रामपुरा साहेवाल में स्थित अपने घर से निकलने से डर कर रहे हैं।
छात्रा के परिजनों ने बताया कि शिक्षकों के खिलाफ भेदभाव की शिकायत करने के बाद उनकी बेटी तथा परिवार को बहिष्कार का सामना करना पड़ रहा है। वे एक माह में अपने घर से निकल नहीं पा रहे हैं। उन्होंने उच्च जाति के ग्रामीणों पर भेदभाव का आरोप लगाते बताया कि उनके घर के बाहर गंदगी के ढेर लगा दिए गए हैं। यहां तक कि स्वच्छ भारत स्कीम के तहत नि: शुल्क शौचालय भी उनके घर में नहीं बनाया गया। छात्रा की मां और बड़ी बहन तथा पिता ने मजदूरी करके अपना पेट पालते है। डर के कारण अब वह भी मजदूरी करने नहीं जा रहे हैं। उन्हें रिश्तों से उधार लेकर घर का गुजारा चलाना पड़ रहा है।
इसी कारण उन्होंने अपनी बेटी को स्कूल भेजना बंद कर दिया है। इस संबंधी पीड़ित छात्रा ने बताया कि उसके स्कूली छात्रों द्वारा अध्यापकों के पक्ष में उसके खिलाफ प्रदर्शन किया गया था। उस पर पढ़ाई और स्कूल छोड़ने के लिए दबाव बनाया जा रहा था। वहीं उसके पिता ने अपनी बेटी के सहपाठियों पर उनके परिवार को धमकाने का आरोप लगाया है। वह अकसर अपने बाइक पर आकर उनके घर के बाहर चक्कर लगाकर हुल्लड़बाजी करते हैं। वह इस सब को नजर अंदाज कर रहे हैं। वह दलितों के साथ किए जा रहे भेदभाव के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।