Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Jan, 2018 09:39 AM
डी.सी. वरिंद्र कुमार शर्मा द्वारा तहसील स्तर पर पैंडिंग पड़ी हुई करोड़ों रुपए की राशि को लेकर सख्त रुख अख्तियार करते हुए जारी किए गए दिशा-निर्देशों की पालना सुनिश्चित करने के लिए तहसीलदार-1 करणदीप सिंह भुल्लर द्वारा जारी रिकवरी मुहिम को आगे बढ़ाते...
जालन्धर (अमित): डी.सी. वरिंद्र कुमार शर्मा द्वारा तहसील स्तर पर पैंडिंग पड़ी हुई करोड़ों रुपए की राशि को लेकर सख्त रुख अख्तियार करते हुए जारी किए गए दिशा-निर्देशों की पालना सुनिश्चित करने के लिए तहसीलदार-1 करणदीप सिंह भुल्लर द्वारा जारी रिकवरी मुहिम को आगे बढ़ाते हुए पहले चरण में 1 करोड़ 97 लाख 6 हजार 948 रुपए की पैंडिंग पड़ी रिकवरी वसूलने के लिए 67 डिफाल्टरों को नोटिस जारी किए गए हैं। इस बार जारी किए गए नोटिसों में बहुत से वी.आई.पी. डिफाल्टर भी शामिल हैं। इन वी.आई.पी. डिफाल्टरों को पहले भी कई बार नोटिस जारी किए जा चुके हैं मगर हर बार किसी न किसी जुगाड़ से उक्त लोग सरकार की तरफ बकाया राशि जमा नहीं करवा रहे हैं। इस बार जारी किए गए नोटिस में 22 जनवरी 2018 की तारीख डाली गई है।
इसका साफ मतलब है कि अगर कोई भी डिफाल्टर 22 जनवरी 2018 से पहले-पहले तहसीलदार-1 के दफ्तर में जाकर रिकवरी राशि जमा करवा देता है तो उसे अरैस्ट वारंट से छूट मिल जाएगी। मगर जो डिफाल्टर 22 जनवरी 2018 तक पैसे नहीं जमा करवाएंगे उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होना सुनिश्चित है।
क्या है मामला, क्यों निकाले जा रहे हैं नोटिस?
तहसील-1 में पिछले लंबे समय से रैवेन्यू रिकवरी होनी बाकी है। इसके चलते 2 करोड़ जैसी बड़ी राशि केवल 67 लोगों की तरफ बकाया है। सरकार द्वारा पैंडिग रिकवरी को लेकर कड़ा रुख अपनाने के बाद तहसीलदार-1 ने इंडियन स्टाम्प एक्ट 1899 की धारा-48 के अंतर्गत तहसीलदार को बतौर असिस्टैंट कलैक्टर ग्रेड-1 की प्राप्त शक्तियों के अधीन जारी किए हैं। अष्टाम ड्यूटी की कमी संबंधी पूर्ति के लिए जारी नोटिसों के बाद की कार्रवाई के अधीन उक्त रिकवरी की जानी है, जिसके लिए तहसीलदार-1 की तरफ से इन डिफाल्टरों को कई बार नोटिस जारी किए जा चुके हैं। मगर इनमें से अधिकतर डिफाल्टरों ने अपनी ऊंची पहुंच व रसूख के चलते तहसीलदार द्वारा जारी नोटिस की रत्ती भर परवाह न करते हुए रिकवरी राशि जमा करवाना मुनासिब नहीं समझा था।
नोटिस को नजरअंदाज करना पड़ेगा महंगा
तहसीलदार ने जारी नोटिस में इस बात को भी स्पष्ट किया है, कि इस नोटिस को नजरअंदाज करना महंगा साबित हो सकता है क्योंकि तय समय-सीमा तक पैसे जमा न करवाने पर लैंड रैवेन्यू एक्ट 1887 की धारा 69, 70, 72 और 75 के अधीन कार्रवाई की जाएगी। इसमें जायदाद की कुर्की और डिफाल्टर की गिरफ्तारी तक हो सकती है।