Edited By Punjab Kesari,Updated: 01 Jan, 2018 01:04 PM
पंजाब में दम तोड़ रही खेतीबाड़ी व सरकारी नौकरियों के न होने का संताप झेल रहे पढ़े-लिखे युवक अपने हुनर का मोल न मिलने कारण हर हाल में विदेश में सैटल होने के लिए तैयार हो चुके हैं।
गढ़शंकर(शोरी): पंजाब में दम तोड़ रही खेतीबाड़ी व सरकारी नौकरियों के न होने का संताप झेल रहे पढ़े-लिखे युवक अपने हुनर का मोल न मिलने कारण हर हाल में विदेश में सैटल होने के लिए तैयार हो चुके हैं।
अपना कारोबार शुरू करने की सोच युवा वर्ग को उस वक्त तोड़ देती है जब संबंधित सरकारी कार्यालय की शिकार को भगा-भगा, थका कर काबू करने वाली नीतियों से वह वाकिफ होता है। निजी सैक्टर में युवकों के लिए रोजगार तो हैं पर हुनर का मोल न पड़ता देख तथा मामूली वेतन द्वारा हो रहे आॢथक शोषण कारण दुखी होकर पढ़े-लिखे युवक विदेश में रोजगार तलाशने लग जाते हैं।
कभी समय था जब पंजाब में ग्रामीण क्षेत्रों के कम पढ़े-लिखे युवा ही विदेश जाने के लिए तैयार रहते थे। विदेश जाने के लिए वे कई ढंग-तरीके अपनाते थे, परन्तु आज हालत यह है कि शहरी क्षेत्र व बड़ी डिग्रियों वाला सरकारी नौकर भी इस रास्ते पर चल चुका है।
इसका बड़ा कारण मात्र बुनियादी सुविधाओं की कमी ही देखा जा रहा है जिसके लिए हमारी सरकारें ही जिम्मेदार हैं। समाज में ऐसे व्यक्ति भी हैं जो युवकों को विदेश जाने की बजाय यहां मेहनत करने की सलाह देते हैं परन्तु जब आगे से जवाब मिलता है कि जनाब कारोबार में सरकारी सुविधाएं तो एक तरफ की बात, सरकारी मुश्किलें ही बहुत हंै जोकि भ्रष्टाचार को बनाए रखने के लिए सरकारी बाबुओं ने खड़ी की हुई हैं तो सलाह देने वाला भी चुप हो जाता है।