Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Dec, 2017 10:47 AM
पंजाब सरकार द्वारा लोगों को जल्द सेवाएं मुहैया करवाने के दावों से शुरू की नई तकनीक से कई स्थानों पर लोगों की परेशानियां कम होने की बजाय बढ़ने लगी हैं। मोगा के गांव सिंघावाला में बने आधुनिक लाइसैंस ट्रेङ्क्षनग सैंटर में लोग परेशानी के आलम से गुजर रहे...
मोगा (ग्रोवर): पंजाब सरकार द्वारा लोगों को जल्द सेवाएं मुहैया करवाने के दावों से शुरू की नई तकनीक से कई स्थानों पर लोगों की परेशानियां कम होने की बजाय बढ़ने लगी हैं। मोगा के गांव सिंघावाला में बने आधुनिक लाइसैंस ट्रेङ्क्षनग सैंटर में लोग परेशानी के आलम से गुजर रहे हैं।
‘पंजाब केसरी’ द्वारा ट्रेनिंग सैंटर का दौरा किया गया तो पता चला कि ट्रेनिंग सैंटर को चलाने वाले कम्प्यूटरों के बंद होने से ट्रेङ्क्षनग टैस्ट देने के लिए आने वाले लोगों को निराश होकर लौटना पड़ता है।
लाइसैंस बनाने के लिए आए नछत्तर सिंह का कहना है कि वह 2 दिनों से ट्रेनिंग सैंटर के धक्के खा रहा है, लेकिन मुलाजिमों द्वारा उनकी फाइल ही जमा नहीं करवाई जा रही। उन्होंने आरोप लगाया कि दफ्तर के मुलाजिमों द्वारा कथित तौर पर लोगों को सही जानकारी देने की बजाय उलझन में डाला जा रहा है।
किराए पर गाड़ी लेकर आया, लेकिन ट्रेनिंग नहीं हुई : रमनदीप
गांव ढुडीके निवासी रमनदीप सिंह का कहना है कि वह एल.टी.बी. लाइसैंस की ट्रेनिंग देने के लिए 1300 रुपए किराए पर गाड़ी लेकर आया है, लेकिन कम्प्यूटर खराब होने की वजह से उसका आर्थिक नुक्सान हुआ और ट्रेङ्क्षनग ही नहीं हुई।
दफ्तर के मुलाजिमों का रवैया ठीक नहीं : बलजीत
गांव चडि़क से संबंधित प्रवासी भारतीय नौजवान बलजीत सिंह का कहना है कि वह 2 महीनों से लाइसैंस हासिल करने के लिए दफ्तर के चक्कर लगा रहा है। उसकी रसीद गुम हो गई थी, जिस पर पत्र भी लिखकर दिया, लेकिन लाइसैंस नहीं दिया जा रहा। उन्होंने कहा कि उसे मार्च महीने में विदेश जाना है, जहां लाइसैंस की जरूरत है।