Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Nov, 2017 11:32 AM
जिला फतेहगढ़ साहिब में इन दिनों बकरी का दूध 500 रुपए प्रति किलो मिल रहा है। डेंगू के चलते लोगों को बकरी का दूध अमृत लगने लगा है। बकरी के दूध की भारी मांग को देखते हुए कुछ बकरी पालक तो इंसानियत की सेवा को समझते हुए 40 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से दूध...
बस्सी पठाना(राजकमल) : जिला फतेहगढ़ साहिब में इन दिनों बकरी का दूध 500 रुपए प्रति किलो मिल रहा है। डेंगू के चलते लोगों को बकरी का दूध अमृत लगने लगा है। बकरी के दूध की भारी मांग को देखते हुए कुछ बकरी पालक तो इंसानियत की सेवा को समझते हुए 40 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से दूध बेच रहे हैं परंतु कम रेट पर दूध देने वाले लोगों की मांग को पूरा नहीं कर पा रहे हैं।
जिले में सैंकड़ों की तादाद में बुखार की चपेट में आ चुके लोग दिन भर इस दूध की तलाश में भटकते रहते हैं। जब बकरी पालकों अरुण कुमार व बहादुर से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उनके पास 20-20 बकरियां हैं और वे बाजार की मांग को पूरा नहीं कर सकते। उनकी बकरियां अधिकतम 5 किलो दूध दे पाती हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें पहली बार ऐसा महसूस हुआ है कि जिले के ही नहीं बल्कि जिले से बाहर व दूरदराज की पाश कालोनियों में रहने वाले लोग सुबह-शाम बड़ी-बड़ी गाडिय़ों में आकर बकरी पालकों की चौखट पर सजदा करते नजर आते हैं।
एक बकरी पालक ने बताया कि उनकी 3 बकरियां हैं व उनके चाचा के पास भी 3 बकरियां हैं दोनों परिवारों में कुल मिला कर 3 किलो दूध हो जाता है। उसने बताया कि इससे पहले तो बकरी के दूध को कोई पूछता भी नहीं था हालांकि गत वर्ष भी डेंगू के कई मरीज उनके पास आए थे लेकिन भाव इतना नहीं था। लोग अपनी इच्छा से ही कुछ रुपए दे जाते थे कुछ लोग तो 100 ग्राम दूध के बदले 1 किलो दूध की थैलियां थमा जाते थे।
इस सवाल पर कि क्या मजबूर लोगों से इतनी भारी कीमत वसूलना उचित है इस पर उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी मांग नहीं की लोग स्वयं ही कीमत बढ़ाते जा रहे हैं। बकरी पालक बहुत कम हैं और बकरी दूध भी कम ही देती है लेकिन प्रत्येक मरीज के परिजन बकरी का दूध ही चाहते हैं। उन्होंने बताया कि शाम को बकरियों के चकर आने से पहले ही लोग आ जाते हैं और वह जान पहचान वालों को 500 रुपए किलो भी दे देते हैं।