Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Nov, 2017 01:17 PM
नगर निगम द्वारा हैबोवाल इलाके में बनी अवैध दुकानों को गिराने के दौरान जमकर हंगामा हुआ। जहां लोगों ने काफी देर तक बिल्डिंग ब्रांच की टीम का घेराव किए रखा। यहां तक कि एरिया इंस्पैक्टर पर रिश्वत लेने का आरोप भी लगाया।
लुधियाना (हितेश): नगर निगम द्वारा हैबोवाल इलाके में बनी अवैध दुकानों को गिराने के दौरान जमकर हंगामा हुआ। जहां लोगों ने काफी देर तक बिल्डिंग ब्रांच की टीम का घेराव किए रखा। यहां तक कि एरिया इंस्पैक्टर पर रिश्वत लेने का आरोप भी लगाया।
जोन डी की टीम ने चंद्र नगर गली नंबर-2 में बनी करीब 10 दुकानों के शटर उखाडऩे की कार्रवाई की तो मालिकों सहित बड़ी संख्या में लोगों ने इकट्ठे होकर विरोध शुरू कर दिया। जिसकी अगुवाई एक कांग्रेस नेता कर रहा था। जिन्होंने इंस्पैक्टर पर रिश्वत लेने के बावजूद कार्रवाई करने का आरोप लगाया। लोगों का आरोप था कि इलाके में इतने बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण हो रहे हैं, जिन पर कोई कार्रवाई करने की जगह पिक एंड चूज के तहत इन दुकानों को निशाना बनाया जा रहा है। जिसका विरोध करते हुए लोग जे.सी.बी. मशीन के आगे खड़े हो गए।
इंस्पैक्टर ने लगाया मारपीट कर घायल करने का आरोप
इस मामले में एरिया इंस्पैक्टर ने लोगों पर मारपीट कर घायल करने का आरोप भी लगाया है। यहां तक कि कुछेक लोगों ने गोली मारने व तेल डालकर जलाने तक की बात भी कही। जिसे लेकर सरकारी ड्यूटी में विघ्र डालने के आरोप में पुलिस केस दर्ज करवाने की तैयारी शुरू हो गई है। इस संबंधी मुलाजिमों ने एडीशनल कमिश्नर विशेष सारंगल को सारे मामले से अवगत करवा दिया है।
चालान डालने के बाद कैसे बनकर पूरी हो गई दुकानें
इस मामले में इंस्पैक्टर का कहना है कि रिहायशी इलाके में कमर्शियल निर्माण होने को लेकर काफी पहले से चालान डाले हुए हैं। लेकिन मालिक ने काम बंद नहीं किया और लैंटर डालने के बाद शटर तक लगा दिए। जिसे लेकर मिली शिकायत के आधार पर उसने कार्रवाई की। अब सवाल यह है कि जब चालान डालने के बाद मौके पर आगे काम न चलने देने के लिए बुल्डोजर चलाने, पुलिस तैनात करने व केस तक दर्ज करवाने के नियम है तो दुकानें कैसे बनकर पूरी हो गईं। क्योंकि चालान डालने के बाद अवैध निर्माण पूरा न होने की जवाबदेही तय करने के लिए फोटो खींचकर साथ लगाने तथा रोजाना के हिसाब से जुर्माना लगाने के आदेश सरकार ने दिए हुए हैं।