Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Nov, 2017 12:09 PM
गत 3 दिनों से क्षेत्र में पड़ रही घनी धुंध का कहर चरम पर है। इससे जहां लोगों के जनजीवन पर असर पड़ रहा है, वहीं लोगों के काम-धंधे भी प्रभावित हो रहे हैं। सुबह के समय से ही धुंध इतनी अधिक हो जाती है कि कुछ दिखाई नहीं देता।
श्री मुक्तसर साहिब (तनेजा): गत 3 दिनों से क्षेत्र में पड़ रही घनी धुंध का कहर चरम पर है। इससे जहां लोगों के जनजीवन पर असर पड़ रहा है, वहीं लोगों के काम-धंधे भी प्रभावित हो रहे हैं। सुबह के समय से ही धुंध इतनी अधिक हो जाती है कि कुछ दिखाई नहीं देता। सड़कों पर वाहन रेंगकर चलते दिखाई देते हैं। लोग कारों के शीशे नीचे कर व मुंह बाहर निकाल कर आगे बढ़ते हैं। सफर करने वालों की भले मजबूरी हो परंतु धुंध के कारण चारों ओर फैले अंधेरे के कारण अनेकों सड़क हादसे हो चुके हैं। कई लोग इन हादसों में गंभीर घायल हुए हैं व कई जानें भी गई हैं।
लोगों के कारोबार पर भी धुंध ने गहरा असर डाला है। सड़कों के किनारे शहरों से बाहर सब्जियां बेचने वालों के पास भी ग्राहक कम आए व चाय की रेहड़ी लगाने वाले व गन्ने का जूस निकालने वालों के पास भी ग्राहक न के बराबर ही आए। खेतों में नरमा चुगने वालों का कहना था कि धुंध के कारण कार्य बहुत कम निपटता है। पहले सुबह 8 बजे आ जाते थे, परंतु अब 11 बजे आए हैं व 4 बजे घरों को वापस आना है। धुंध से ठंड ने भी दस्तक दे दी है। आज तीसरे दिन दोपहर के समय मौसम में कुछ सुधार आया है।
बस वाले हैं बेहद परेशान
सरकारी व प्राइवेट बस वाले ड्राइवर जिनका बस का टाइम सुबह का है, बेहद परेशान हो रहे हैं क्योंकि धुंध में बस चलानी आसान नहीं। आगे टाइम पर भी नहीं पहुंचा जाता व बस लेट हो जाती है। हादसे होने का अधिक खतरा है। बस वाले लाइटें जला सफर तय करते हैं।
स्कूल-कालेजों में जाने वाले विद्यार्थी परेशान
जहां आम लोग धुंध के कारण परेशान हो रहे हैं, वहीं स्कूलों व कालेजों में जाने वाले विद्यार्थी भी परेशान हैं क्योंकि स्कूलों व कालेजों वालों की बस व वैन सुबह 7 बजे ही आनी शुरू हो जाती है। अनेकों विद्यार्थी दूर-दूर कालेजों में पढ़ते हैं व बस/वैन का सफर लंबा होता है। बच्चों के अभिभावकों को भी उनके वापस घर आने तक फिक्र लगा रहता है। दूसरी ओर ड्राइवर इससे भी दुखी हैं क्योंकि उन पर अपने साथ सभी बच्चों की जान की जिम्मेदारी होती है।