Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Nov, 2017 08:53 AM
दिसम्बर में निगम चुनाव करवाने का इरादा बनाए बैठी कांग्रेस के लिए अब नई मुसीबत खड़ी हो गई है क्योंकि निगम ठेकेदार हाल ही में लगाए गए टैंडरों का बायकाट करने की घोषणा 15 नवम्बर को होने जा रही बैठक में कर सकते हैं।
जालंधर(खुराना): दिसम्बर में निगम चुनाव करवाने का इरादा बनाए बैठी कांग्रेस के लिए अब नई मुसीबत खड़ी हो गई है क्योंकि निगम ठेकेदार हाल ही में लगाए गए टैंडरों का बायकाट करने की घोषणा 15 नवम्बर को होने जा रही बैठक में कर सकते हैं।
ठेकेदारों ने बताया कि निगम ने 42 करोड़ रुपए के जो टैंडर लगाए हैं उन्हें चंडीगढ़ चीफ इंजीनियर के पास भेजा गया था परंतु चीफ इंजीनियर ने सी.एस.आर. रेट के तहत आती आइटमों के रेट घटाकर आधे कर दिए हैं जो सरासर अनुचित है। ठेकेदार इन रेटों पर काम नहीं कर पाएंगे इसलिए टैंडरों का बायकाट भी हो सकता है।
गौरतलब है कि कांग्रेस निगम चुनावों से पहले विकास कार्य करवाना चाहती है, पर अफसरशाही कांग्रेस की इस इच्छा के आड़े आ रही है। ये टैंडर दिसम्बर माह में खोले जाने हैं और अगर ठेकेदारों ने बायकाट कर दिया तो विकास कार्य लटक भी सकते हैं जिसका सीधा फायदा अकाली-भाजपा को निगम चुनावों में होगा। कांग्रेस के प्रति लोगों में पहले ही नाराजगी पाई जा रही है क्योंकि जब से कांग्रेस सत्ता में आई है, तमाम विकास कार्य ठप्प पड़े हैं। अब देखना है कि पार्टी निगम ठेकेदारों की नई नाराजगी से कैसे निपटती है।