Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Nov, 2017 01:33 PM
शहर में ट्रैफिक पुलिस की ओर से चाहे ट्रैफिक सिस्टम को सुचारू ढंग से चलाने के लिए लगातार चालान काटे जा रहे हैं परन्तु इसके बावजूद माता-पिता अपने 18 साल से कम आयु के बच्चों को वाहन दे देते हैं।
गिद्दड़बाहा(संध्या): शहर में ट्रैफिक पुलिस की ओर से चाहे ट्रैफिक सिस्टम को सुचारू ढंग से चलाने के लिए लगातार चालान काटे जा रहे हैं परन्तु इसके बावजूद माता-पिता अपने 18 साल से कम आयु के बच्चों को वाहन दे देते हैं। इन बच्चों के पास न तो ड्राइविंग लाइसंस होता है और न ही वाहन के कागजात।
ये छोटे बच्चे सरेआम ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करते हुए दोपहिया वाहनों पर 3-3 या 4-4 की संख्या में सवार होकर सड़कों पर वाहन चलाते हैं। कई बार बच्चे उलटे-सीधे स्टंट करके अपनी जान को खतरे में डाल लेते हैं। कई बार इन छोटे बच्चों के साथ ऐसे हादसे घट जाते हैं कि माता-पिता को पूरी उम्र पछताना पड़ जाता है। बच्चों के माता-पिता को चाहिए कि वे अपने बच्चों को 18 साल की उम्र से पहले वाहन न चलाने दें। 18 साल से कम उम्र के बच्चे स्कूलों में भी बेफिक्र होकर दोपहिया वाहन पर जाते हैं, इसलिए स्कूल प्रबंधकों को भी चाहिए कि वे बच्चों को इस प्रति जागरूक करें और 18 साल की उम्र से पहले बच्चों को वाहन न चलाने के लिए पे्ररित करें।
इस संबंध में दलजीत सिंह ए.एस.आई. का कहना है कि उन्होंने कई बार 18 साल से कम उम्र के बच्चों को चेतावनी दी है, बावजूद इसके बच्चे बाज नहीं आते और न ही माता-पिता पर इसका असर होता है और बच्चे सरेआम ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करते हुए नजर आते हैं। उन्होंने बच्चों के माता-पिता से अपील की कि वे 18 साल से कम उम्र के बच्चों को वाहन न दें ताकि किसी भी अनहोनी घटना को होने से पहले रोका जा सके।
ट्रैफिक नियमों की करते हैं सरेआम उल्लंघना
शाम सुंदर शिंदी का कहना है कि बहुत से बच्चे ट्रैफिक नियमों की सरेआम उल्लंघना करते हैं। उन्होंने कहा कि ये बच्चे बेफिक्र हो कर दोपहिया वाहन पर 3 या 4 सवार होकर शहर की सड़कों पर चक्कर लगाते हैं जिससे ये अपनी जान को खतरे में डालते हैं।