Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Nov, 2017 11:33 AM
जेल भरो आंदोलन के तहत डिप्टी कमिश्नर कार्यालय में गिरफ्तारी देने पहुंची आंगनबाड़ी वर्करों के इक_ को देखकर पुलिस प्रशासन ने हाथ खड़े कर दिए। वर्करों ने पंजाब तथा पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। पुलिस ने वर्करों को गिरफ्तार करने की बजाय...
अमृतसर(दलजीत): जेल भरो आंदोलन के तहत डिप्टी कमिश्नर कार्यालय में गिरफ्तारी देने पहुंची आंगनबाड़ी वर्करों के इक_ को देखकर पुलिस प्रशासन ने हाथ खड़े कर दिए। वर्करों ने पंजाब तथा पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। पुलिस ने वर्करों को गिरफ्तार करने की बजाय इधर-उधर होकर समय बिताया।
जानकारी के अनुसार आंगनबाड़ी मुलाजिम यूनियन (सीटू) के प्रधान गुरमिन्द्र कौर तथा सचिव हरजिन्द्र कौर ने अपनी अहम मांगों के संबंध में आज जेल भरो आंदोलन की घोषणा की थी। जिलेभर से हजारों वर्कर गिरफ्तारी देने जिलाधीश कार्यालय पहुंची थीं।
जिलाधीश के कार्यालय में की घुसने की कोशिश, पुलिस ने रोका
पुलिस द्वारा गिरफ्तार न करने पर वर्करों ने जिलाधीश के कार्यालय में घुसने की कोशिश की लेकिन उन्हें बाहर ही रोक दिया गया। सम्बोधित करते हुए गुरमिन्द्र कौर ने कहा कि पंजाब सरकार आंगनबाड़ी वर्करों तथा हैल्परों से सौतेला व्यवहार करते हुए उनकी रोजी-रोटी छीन रही है। सरकार ने राज्य की 54 हजार वर्करों को 62 दिन से बेरोजगार कर सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर कर दिया है।
मुख्य मंत्री द्वारा वर्करों की मांगें सुनने की बात तो दूर, यूनियन को मीटिंग के लिए समय तक भी नहीं दिया गया है। कैबिनेट मंत्री रजिया सुल्ताना द्वारा यूनियन की मांगें मानकर जल्द लागू करने के आदेश दिए गए थे परन्तु अफसोस की बात है कि मुख्यमंत्री से हरी झंडी न मिलने से मंत्री के आदेश भी हवा में ही रह गए। वर्कर पिछले कई वर्षों से आंगनबाड़ी केन्द्र चलाकर बच्चों को अच्छी शिक्षा दे रहे थे परन्तु अब ये केन्द्र बंद करके उन्हें बेरोजगार कर दिया गया है। अगर उनकी मांगें शीघ्र न मानी गईं तो संघर्ष और तेज करेंगे।