Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Nov, 2017 07:36 AM
विश्व प्रसिद्ध रामसर साइट वेटलैंड महाराणा प्रताप सागर (पौंग झील) में सर्दियां बढऩे के साथ ही प्रवासी पक्षियों का आगमन शुरू हो गया है। वन्य प्राणी विभाग के ताजा आंकड़ों के मुताबिक पौंग झील में ग्यारह प्रजातियों के करीब 15,700 प्रवासी पक्षी पहुंच चुके...
मुकेरियां(सागर): विश्व प्रसिद्ध रामसर साइट वेटलैंड महाराणा प्रताप सागर (पौंग झील) में सर्दियां बढऩे के साथ ही प्रवासी पक्षियों का आगमन शुरू हो गया है। वन्य प्राणी विभाग के ताजा आंकड़ों के मुताबिक पौंग झील में ग्यारह प्रजातियों के करीब 15,700 प्रवासी पक्षी पहुंच चुके हैं। पौंग झील में हर वर्ष सॢदयां शुरू होते ही रूस, चीन, मध्य एशिया, इंडोनेशिया आदि देशों में बर्फ पडऩे से वहां विचरने वाले पक्षी अनुकूल वातावरण व पसंदीदा भोज्य सामग्री उपलब्ध होने के कारण करीब 256 प्रजातियों के प्रवासी पक्षी लाखों की संख्या में पहुंच अक्तूबर से मार्च तक अपनी अठखेलियों व करतबों से पक्षी प्रेमियों व झील में आने वाले सैलानियों को रिझाना शुरू कर देते हैं।
वन्य प्राणी विभाग के डी.एफ.ओ. कृष्ण कुमार ने बताया कि विभाग की अनुमानित गणना के मुताबिक अब तक पौंग झील में बारहैंडडगीज, ग्रेलैगगीज, नार्दन शालवर, नार्दन पिंटेल, कामन पौचार्ड, टाफटेड डक, रडीशाल, डक ब्लैक, हैंडेड गल, पालास गल व कामनटिल प्रजातियों के पक्षी झील में दस्तक दे चुके हैं। विभाग का मानना है कि जिस तरह भारी संख्या में प्रवासी पक्षियों की आमद शुरू हुई है इससे नवम्बर के अंत तक प्रवासी पक्षियों की संख्या एक लाख से भी अधिक होने के आसार हैं।
दूसरी ओर प्रवासी पक्षियों की दस्तक के साथ ही पौंग झील में पर्यटकों की आमद भी बढऩे लगी है। डी.एफ.ओ. कृष्ण कुमार का कहना है कि पौंग झील को अंतर्राष्ट्रीय रामसर साइट वेटलैंड घोषित किया गया है और वेटलैंड क्षेत्र में विचरण करने वाले वन्य जीव प्रभावित न हों इसलिए उस क्षेत्र में वाहन ले जाना वर्जित कर दिया है।