Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Feb, 2018 11:20 AM
पंजाब मंत्रिमंडल द्वारा पंजाब के लोगों को एक खिड़की से सैंकड़ों स्कीमों के लाभ देने वाले सेवा केंद्रों को बंद करने के फैसले ने पंजाब भर में इन सेवाओं से जुड़े लोगों में हड़कंप मचा दिया। ऐसे में सेवा केंद्र बंद होने से लगभग 10 हजार कर्मचारियों पर...
बठिंडा (आजाद): पंजाब मंत्रिमंडल द्वारा पंजाब के लोगों को एक खिड़की से सैंकड़ों स्कीमों के लाभ देने वाले सेवा केंद्रों को बंद करने के फैसले ने पंजाब भर में इन सेवाओं से जुड़े लोगों में हड़कंप मचा दिया। ऐसे में सेवा केंद्र बंद होने से लगभग 10 हजार कर्मचारियों पर बेरोजगारी की गाज गिरेगी और लोगों को काम करवाने के लिए परेशानी अलग से होपूर्व अकाली-भाजपा सरकार ने लोगों की सुविधा को देखते हुए सेवा केंद्रों की स्थापना की थी।
राज्य में कुल 12,581 गांवों के लिए 2147 सेवा केंद्रों की स्थापना की थी परन्तु सत्ताधारी कांग्रेस सरकार ने खजाने को बचाने के लिए 1647 सेवा केंद्र बंद करने का फैसला लिया। पंजाब सरकार ने इन संबंधी सेवा केंद्र चलाने वाली कम्पनी बी.एल.एस. को भी नोटिस जारी कर दिया। कुल 500 सेवा केंद्रों का चलन जारी रहेगा। पंजाब सरकार ने एक खिड़की पर ही लोगों की सुविधा देने के लिए 8 से 10 हजार जनसंख्या के मद्देनजर एक सेवा केंद्र की स्थापना की थी, लोगों को इसकी सुविधा भी मिली। सेवा केंद्र बंद होने से जहां कर्मचारियों में मायूसी है वहीं गांवों के लोग भी सेवा केंद्रों को लेकर परेशान नजर आ रहे हैं।
अकाली-भाजपा सरकार की तरफ से पंजाब भर में बी.एल.एस. इंटरनैशनल कम्पनी द्वारा कुल 2147 सेवा केंद्र बनाए गए हैं जिनको अकाली-भाजपा सरकार के समय शहरी क्षेत्रों के 389 सेवा केंद्रों को जून 2016 और देहाती क्षेत्र के 1758 सेवा केंद्रों को सितम्बर 2016 में ग्रामीण सेवा केंद्र शुरू किया गया था। इन सेवा केंद्रों में लोगों के प्राथमिक कार्यों से लेकर बड़े सभी कार्य जैसे बिजली बिल, टैलीफोन बिल, जन्म-मृत्यु सहित हर तरह के सर्टीफिकेट, हथियार, पासपोर्ट, पैंशनों सहित अब तक 77 से अधिक सुविधाएं लोगों को मिल रही हैं जिनके लिए पहले लोगों को तहसील या जिला दफ्तरों के कई-कई चक्कर निकालने पड़ते थे अब वह कार्य ग्रामीण स्तर पर ही होने लगा, जिसका लोगों को लाभ भी हुआ।
सेवा केंद्र बंद होने पर विपक्ष का क्या कहना है
अकाली-भाजपा सरकार के मुख्य संसदीय सचिव रहे सरूप चंद सिंगला का कहना है कि पंजाब सरकार से लोगों को जो उम्मीदें थी वे अब खत्म हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि कैप्टन सरकार लोगों से किस बात का बदला ले रही है कि सुविधा देने की बजाए असुविधा दे रही है। ऐसे में जहां बेरोजगारी बढ़ेगी वहीं ग्रामीण लोग निराश होंगे। पंजाब की कैप्टन सरकार लोगों का हक छीनने में लगी हुई है। सेवा केंद्र बंद करना सरकार के दीवालिएपन का सबूत है। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री व उप मुख्यमंत्री हर महीने लोगों के साथ बैठकें करते थे व उनके दुखदर्द को सुनते थे लेकिन कैप्टन अमरेंद्र सिंह का तो लोगों ने चुनाव के बाद चेहरा भी नहीं देखा होगा। वह तो केवल एक कमरे में बंद हो कर रह गए हैं क्योंकि कांग्रेस में अंतर्कलह जोरों पर है।