Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Jan, 2018 12:25 PM
पंजाब भर के आंगनबाड़ी केंद्रों की मुश्किलें आने वाले दिनों में बढ़ सकती हैं। सरकार ने उक्त केंद्रों का किराया एक साल से नहीं दिया है। यही नहीं बठिंडा के आंगनबाड़ी केंद्रों का किराया तो 2 साल से अदा नहीं किया गया। लंबे समय से किराया न मिलने के कारण...
बठिंडा(परमिंद्र): पंजाब भर के आंगनबाड़ी केंद्रों की मुश्किलें आने वाले दिनों में बढ़ सकती हैं। सरकार ने उक्त केंद्रों का किराया एक साल से नहीं दिया है। यही नहीं बठिंडा के आंगनबाड़ी केंद्रों का किराया तो 2 साल से अदा नहीं किया गया। लंबे समय से किराया न मिलने के कारण केंद्रों का भविष्य खतरे में हैं। उक्त खुलासा ऑल पंजाब आंगनबाड़ी मुलाजिम यूनियन की मालवा क्षेत्र की एक बैठक में किया गया। टीचर्स होम में आयोजित की गई उक्त बैठक की अध्यक्षता प्रांतीय अध्यक्ष हरिगोङ्क्षबद कौर ने की। इस अवसर पर प्रांतीय नेताओं के अलावा, जिला अध्यक्ष, ब्लाक अध्यक्ष व सर्कल अध्यक्षों ने भी शिरकत की। मुलाजिमों ने कहा कि अगर किराया तुरंत जारी न किया गया तो संघर्ष का बिगुल बजाया जाएगा।
राशन के पैसे भी नहीं हो रहे जारी
हरिगोबिंद कौर ने बताया कि इसके अलावा राशन के पैसों को भी रोका जा रहा है। पंजाब सरकार द्वारा दिए जाने वाले फंड्स भी रुके हुए हैं। वर्करों व हैल्परों को वेतन भी समय पर नहीं मिल रहा। उन्होंने बताया कि अगर 1 फरवरी तक उक्त पैसे जारी न किए गए तो मुलाजिम वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल के बठिंडा स्थित कार्यालय का घेराव करने को मजबूर हो जाएंगी। इस अवसर पर संगठन का 2018 का कैंलेंडर भी जारी किया गया।
मुलाजिमों को रैगूलर करने की मांग
नेताओं ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों से छोटे बच्चों को दाखिल न करने के फैसले को वापस करवाना मुलाजिमों की बड़ी जीत है। साथ ही उन्होंने ऐलान किया कि जब तक पंजाब सरकार आंगनबाड़ी वर्करों को 10 हजार तथा हैल्परों को 5 हजार रुपए मेहनताना देना शुरू नहीं करती तब तक संघर्ष को जारी रखा जाएगा। उन्होंने केंद्र सरकार से भी मांग की कि मुलाजिमों को रैगूलर करके वर्करों को 24 हजार तथा हैल्परों को 18 हजार रुपए वेतन दिया जाए। इसके अलावा उन्होंने मांग की कि जो कुछ स्कूल अभी भी & से 6 साल तक के बच्चों को रखे हुए हैं, वे उन्हें तुरंत आंगनबाड़ी केंद्रों में वापस भेजें।