Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Feb, 2018 10:23 AM
लोगों को अपने घर की सुविधा देते हुए पंजाब सरकार ने अवैध कालोनियों को वैध करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जिससे निगमों/नगर कौंसिलों का खजाना भी लबालब होगा और शहरों की सुंदरता बढ़ेगी। पंजाब सरकार ने जिला स्तर पर अवैध कालोनियों को वैध करने के लिए कमेटियां...
बठिंडा(विजय): लोगों को अपने घर की सुविधा देते हुए पंजाब सरकार ने अवैध कालोनियों को वैध करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जिससे निगमों/नगर कौंसिलों का खजाना भी लबालब होगा और शहरों की सुंदरता बढ़ेगी। पंजाब सरकार ने जिला स्तर पर अवैध कालोनियों को वैध करने के लिए कमेटियां गठित कर दी हैं और लोगों से सुझाव भी मांगने शुरू कर दिए। मार्च महीने में नई पॉलिसी के लागू होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।
बेघर लोगों को अवैध कालोनियों में सस्ती दर पर प्लाट मिल जाते हैं जबकि निगम/नगर कौंसिल को डिवैल्पमैंट चार्ज देकर उस पर अपना घर बनाया जा सकता है। देखा जाए तो बठिंडा में 100 से अधिक अवैध कालोनियों भू-माफिया द्वारा काटी जा चुकी हैं लेकिन वहां मूलभूत सुविधाएं न होने के कारण घर बनाना भी आसान नहीं। अब सरकार ने फैसला किया है कि अवैध कालोनियों को वैध कर प्लाट होल्डर से प्राप्त किए गए डिवैल्पमैंट चार्ज से ही कालोनियों को सार्वजनिक सुविधाएं प्राप्त होंगी। राजस्व विभाग ने अवैध कालोनियों की रजिस्ट्री पर पाबंदी लगा रखी है जिसका असर सरकारी खजाने पर भी पड़ रहा है, सरकार शीघ्र ही वैध तरीके से बनाई गई कालोनियों की रजिस्ट्री पर रोक हटाने पर विचार कर रही है। लगभग 30 हजार लोग घर बनाने के लिए प्लाट खरीद चुके हैं लेकिन उन्हें घर बनाने में परेशानी आ रही है अब सरकार के फैसले के बाद उनके सपने साकार होंगे।
कालोनाइजर्स को मालिकाना हक होने का देना होगा सबूत
सरकार द्वारा बनाई गई नई पॉलिसी के अनुसार कालोनाइजर्स को कालोनी पुन: एप्रूव्ड करवानी होगी ओर निवेशकों को मालिकाना हक होने के सबूत देने होंगे जिनमें सेलडीड, पूरी पेमैंट के दस्तावेज व अष्टाम पेपर जमा करवाने होंगे। निवेशकों को खरीदे गए प्लाट पर निर्माण करने के लिए निगम/नगर कौंसिलों को फंड देना होगा। सरकार ने सभी अवैध कालोनियों को कई कैटागरीज में रखा है और फंड भी उसी हिसाब से तय किए गए हैं। पुरानी काटी गई अवैध कालोनियों को वैध करवाने के लिए जिलाधीश द्वारा बनाई गई कमेटी से मंजूरी लेनी होगी।
अवैध कालोनियों की सरकार ने 3 कैटागरी बनाईं
अवैध कालोनियों संबंधी सरकार द्वारा बनाई गई नई पॉलिसी के अधीन उन्हें 3 कैटागरीज में रखा गया है। 10 वर्ष से पुरानी कालोनी पर मौजूदा कलैक्टर रेट का & प्रतिशत या प्रति एकड़ अधिकतम & लाख रुपए देने होंगे। इसी तरह 4 से 10 साल पुरानी कालोनी पर कलैक्टर रेट का 4.5 प्रतिशत या 10 लाख रुपए प्रति एकड़ और 4 साल से कम समय में डिवैल्प हुई कालोनी के लिए कलैक्टर रेट का 6 प्रतिशत या 20 लाख रुपए प्रति एकड़ फीस तय की गई है।
नई कालोनियों के दिशा-निर्देश जारी
पंजाब सरकार ने नई कालोनियों के लिए जो दिशा-निर्देश जारी किए हंै उनमें कालोनियों को 4 कैटागरीज में बांटा गया है। अगर कालोनाइजर्स 25 प्रतिशत एरिया बिल्ट करता है तो उसे 20 फुट की संपर्क सड़क बनानी होगी, 10 एकड़ तक &5 फुट, 50 एकड़ तक 45 फुट और 50 फुट से अधिक 60 फुट रोड बनानी अनिवार्य है। कालोनाइजर्स के लिए पार्क, ओपन स्पेस, सीवरेज, पानी, सड़कों का निर्माण करना जरूरी होगा। निगम की सीमा में बनी कालोनियों का फैसला जिलाधीश द्वारा गठित की गई कमेटी करेगी जबकि निगम की सीमा के बाहर बनी कालोनियों का फैसला पुडा के हाथों में होगा। सरकार ने इसके साथ ही व्यापारिक स्थानों के लिए भी अलग मापदंड बनाए हैं जबकि रिहायशी क्षेत्रों के लिए भी नई गाइडलाइन जारी की है। रिहायशी प्लाटों के लिए 50 गज से लेकर 250 गज के प्लाट के लिए डिवैल्पमैंट चार्ज 1.5 प्रतिशत से 9 प्रतिशत तक सरकारी दरों के तहत होगा। व्यापारिक स्थलों के लिए 25 गज पर 9 प्रतिशत और 50 गज तक 18 प्रतिशत, इससे ऊपर 36 प्रतिशत डिवैल्पमैंट चार्ज देना होगा। अवैध कालोनियों को वैध करवाने के लिए भी सरकार ने दरें तय कर इनकी लिस्टें संबंधित विभाग को भेज दी हैं।
सजा का प्रावधान
अवैध कालोनियों को वैध न करवाने की स्थिति में & साल की सजा और 2 लाख रुपए जुर्माने का प्रावधान रखा गया है। हर कालोनाइजर के लिए वैध कालोनी बनाना अनिवार्य होगा जिसके लिए पंजाब के मुख्य मंत्री ने अधिकारियों को सख्त एक्शन लेने के लिए निर्देश जारी किए हैं। ऐसे में कालोनाइजर्स अब अवैध कालोनी नहीं काट पाएंगे, जबकि पुडा की ओर से जुर्माने व सजा का प्रावधान पहले ही जारी है। अब निगमों/नगर कौंसिलों को भी इसका अधिकार दिया गया है।