Edited By Updated: 25 Jun, 2016 01:03 PM
भारतीय मीडिया में शुक्रवार को सारा दिन एक वीडियो सुर्खियां में रही, जिसमें रिट्रीट सेरेमनी के दौरान हुसैनीवाला बार्डर पर
अबोहर: भारतीय मीडिया में शुक्रवार को सारा दिन एक वीडियो सुर्खियां में रही, जिसमें रिट्रीट सेरेमनी के दौरान हुसैनीवाला बार्डर पर भारतीय जवानों को पाकिस्तानी रैंजरों के साथ भिड़ते हुए दिखाया गया था। सोशल मीडिया पर इस वीडियो के वायरल होने के बाद चैनलों ने इसे चलाकर खूब टी.आर.पी. हासिल की लेकिन इस वीडियो की सच्चाई कुछ ओर ही निकली।
जी हां, वास्तव में यह वीडियो कोई 4-5 दिन या 4-5 महीने पुरानी नहीं बल्कि 5 साल पुरानी है। 'पंजाब केसरी' ने जब इस वीडियो की जांच की तो इसकी सच्चाई सामने आ सकी। इसके बाद बी.एस.एफ. ने भी 'पंजाब केसरी' की जांच पर मोहर लगाकर इसे करीब 5 साल पुरानी बताया।
इस संबंधी जानकारी देते हुए डी.आई.जी. आर.के. थापा ने बताया कि वीडियो में भारतीय और पाकिस्तानी रैंजरों ने सर्दियों वाले कपड़े पहने हुए हैं, जबकि आज-कल गर्मी का मौसम चल रहा है, इसलिए जाहिर है कि यह वीडियो कोई 2-4 दिन या महीने पुरानी नहीं है। उन्होंने कहा कि यह 2-4 साल पुरानी भी नहीं है बल्कि यह वीडियो 7 मार्च, 2011 की है और इसको अब छठा साल चल रहा है। फिलहाल बी.एस.एफ ने मीडिया को ऐसीं खबरें चलाने से पहले उनकी जांच करने की अपील की है।