Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Feb, 2018 10:22 AM
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेतली द्वारा गुरु घरों में लंगर पर जी.एस.टी. से संबंधित बयान को भ्रामक बताया है। उल्लेखनीय है कि आम बजट के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री का यह बयान आया है कि गुरुद्वारों में वितरित होने वाले लंगर...
अमृतसर(ममता): शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेतली द्वारा गुरु घरों में लंगर पर जी.एस.टी. से संबंधित बयान को भ्रामक बताया है। उल्लेखनीय है कि आम बजट के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री का यह बयान आया है कि गुरुद्वारों में वितरित होने वाले लंगर पर किसी किस्म का टैक्स नहीं लगाया जाता। शिरोमणि कमेटी के प्रधान भाई गोबिन्द सिंह लौंगोवाल ने जेतली के इस बयान को तथ्यों से कोसों दूर बताया है।
लौंगोवाल ने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री का बयान सही नहीं है, वह झूठ बोल रहे हैं। अरुण जेतली कह रहे हैं कि गुरु के लंगर के लिए रसदों पर जी.एस.टी. नहीं है, अगर लंगरों पर जी.एस.टी. माफ है तो सरकार सर्कुलर जारी करे। उन्होंने कहा कि जब से देश भर में जी.एस.टी. लागू हुआ है, तभी से ही गुरु घर के लंगर के लिए खरीदी जाती रसद पर इस टैक्स का भुगतान किया जा रहा है। शिरोमणि कमेटी द्वारा तभी से इस टैक्स के विरुद्ध आवाज उठाई जा रही है। देश के प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री समेत संसद सदस्यों को भी पत्र लिखे जा चुके हैं। यदि सत्य में धर्मस्थलों को इस टैक्स से मुक्त किया गया है तो केंद्रीय मंत्री को इसकी लिखित रूप से सूचना जारी करनी चाहिए।