Edited By VANSH Sharma,Updated: 07 Feb, 2025 10:35 PM
![this old condition has been abolished in punjab](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2025_2image_22_34_429635716meeting-ll.jpg)
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है।
चंडीगढ़ : पंजाब में मजदूरों की भलाई के लिए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। मजदूरों के बच्चों की पढ़ाई के लिए दी जाने वाली वजीफा योजना के तहत अब मजदूर के दो साल की सेवा पूरी करने की शर्त को समाप्त कर दिया गया है। पंजाब लेबर वेलफेयर बोर्ड की वजीफा योजना मजदूरों के बच्चों की शिक्षा के लिए दी जाती है, और इसे प्राप्त करने के लिए पहले मजदूर को कम से कम दो साल की सेवा पूरी करनी अनिवार्य थी। बीती शाम 'किरत भवन' में हुई पंजाब लेबर वेलफेयर बोर्ड की 55वीं बैठक में श्रम मंत्री तरुणप्रीत सिंह सौंद ने इस शर्त को समाप्त करने का फैसला किया।
तरुणप्रीत सिंह सौंद ने बताया कि अब मजदूर वजीफा योजना का लाभ अपने अंशदान की तारीख से ही ले सकेंगे। सौंद की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में मजदूरों की भलाई के लिए और भी कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। पंजाब लेबर वेलफेयर बोर्ड की योजनाओं के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए एक करोड़ रुपये का वार्षिक बजट तय किया गया है। इसके अलावा, इन योजनाओं का लाभ देने के लिए मजदूरों के कार्यस्थल पर कैंप लगाने के लिए भी एक करोड़ रुपये का बजट पास किया गया।
सौंद ने बताया कि बोर्ड के तहत मिलने वाली 'शगुन योजना' का लाभ लेने के लिए अब रजिस्टर्ड मैरिज सर्टिफिकेट की अनिवार्यता भी समाप्त कर दी गई है। अब मजदूर सिर्फ विवाह स्थल और विवाह कराने वाले धार्मिक व्यक्ति की तस्वीरें संलग्न करके इस योजना का लाभ उठा सकेंगे। इस फैसले से मजदूरों को रजिस्टर्ड मैरिज सर्टिफिकेट लेने की परेशानी नहीं झेलनी पड़ेगी।
श्रम मंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि पंजाब लेबर वेलफेयर बोर्ड की हर तीन महीने में एक बैठक आयोजित की जाए। इसके साथ ही यह फैसला भी किया गया कि 1 अप्रैल 2025 से अंशदान की राशि बढ़ाई जाएगी, ताकि पंजाब लेबर वेलफेयर बोर्ड की आर्थिक स्थिति को और मजबूत किया जा सके। बैठक में श्रम सचिव मनवेश सिंह सिद्धू, श्रम आयुक्त राजीव कुमार गुप्ता, जॉइंट डायरेक्टर ऑफ फैक्ट्रीज़ नरिंदर सिंह, सहायक वेलफेयर आयुक्त गौरव पुरी, जॉइंट डायरेक्टर कन्नू थिंद और उद्योग, वित्त एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।