Edited By Urmila,Updated: 13 Feb, 2024 12:49 PM
किसानों के दिल्ली चलो के न्यौते के तहत पटियाला जिले के शंभू बैरियर पर हलचल तेज हो गई है।
पटियाला/फतेहगढ़ साहिब: किसानों के दिल्ली चलो के न्यौते के तहत पटियाला जिले के शंभू बैरियर पर हलचल तेज हो गई है। शंभू बैरियर पर किसानों का आना शुरू हो गया है। उधर, फतेहगढ़ साहिब में ट्रैक्टर ट्रॉलियों पर किसान तैयार बैठे हैं। इस बीच एक किसान ने कहा कि उन्होंने दिल्ली पहुंचने की पूरी तैयारी कर ली है, सरकार चाहे कितनी भी पाबंदियां लगा लें, वह सभी बाधाओं को पार कर आगे बढ़ेंगे।
किसानों ने कहा कि भले ही सरकार ने बड़े-बड़े पत्थर और अन्य तरह की पाबंदियां लगा रखी हैं, लेकिन किसानों ने भी इन पाबंदियों से पार पाने के लिए तमाम हथकंडे पूरे कर जुगाड़ कर लिए हैं। मिट्टी से भरी ट्रॉलियां पंजाब और हरियाणा की सीमा पर खड़ी कर दी गई हैं। टिप्पर पहले ही भरकर खड़े कर दिए गए हैं। वहीं मिट्टी डालकर वे उसे बाईपास बना कर आगे बढ़ जाएंगे। इस बीच किसानों ने सरकार की बैरिकेडिंग तोड़ने के लिए ट्रैक्टरों के आगे बड़े-बड़े लोहे के शिकंजे भी लगा लिए हैं। किसानों ने कहा कि वें जंग के लिए पूरी तरह तैयार हैं। न लंगर की कमी औरन ही तेल की कोई कमी है। इस बार लड़ाई आर-पार की है, जिसे जीतकर ही वे घर लौटेंगे।
वहीं, दूसरी ओर, पटियाला के एस.एस.पी. वरुण शर्मा ने भी पुलिस को साथ बैरियर क्षेत्र का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया। किसानों का एक और कारवां, जो एक दिन पहले फतेहगढ़ साहिब में रुका था, भी किसान नेता सरवन सिंह पंधेर के नेतृत्व में बैरियर के लिए रवाना हुआ। इस बीच हरियाणा पुलिस ने किसानों को आगे न बढ़ने की चेतावनी दी है और कहा है कि वे कानून अपने हाथ में न लें। हरियाणा पुलिस ने किसानों को पंजाब की तरफ ही प्रदर्शन करने की सलाह दी है।
बैठक बेनतीजा रही
केंद्रीय कैबिनेट मंत्रियों और केंद्रीय किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के नेताओं की एक टीम ने सोमवार को साढ़े पांच घंटे के चली बैठक में फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी और कर्ज माफी के मुद्दे पर चर्चा की। लंबी बैठक चलने के बाद सहमति नहीं बन पाई। दूसरे दौर की बैठक में माहौल गरमा गया और आखिरकार बात बिगड़ गई। केंद्रीय नेताओं की प्रतिक्रिया न मिलने से नाराज किसान नेता करीब 11.35 बजे बैठक से बाहर आ गए और ऐलान किया कि वे मंगलवार सुबह 10 बजे 'दिल्ली मार्च' करेंगे।
सूत्रों के मुताबिक, आखिरकार केंद्रीय मंत्रियों ने किसानों को प्रस्ताव दिया कि वे इन मांगों पर विचार करने के लिए केंद्रीय कृषि मंत्री के नेतृत्व में एक कमेटी बनाएंगे, जिसमें राज्यों के कृषि मंत्रियों के अलावा किसान नेताओं को भी शामिल किया जाएगा। किसान नेता ने इस पेशकश को सिरे से नकार कर दिया। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने बैठक के बाद कहा कि किसान किसी भी तरह का टकराव नहीं चाहते हैं और बातचीत के जरिए मामले को खत्म करना चाहते हैं, लेकिन केंद्र सरकार महत्वपूर्ण मांगों को मानने के मूड में नहीं है। सरकार के मन में खोट है और सरकार समय हाथ से निकालना चाहती है।
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