बगावत के बीच कैप्टन ने शुरू की कैबिनेट में बदलाव की तैयारी!

Edited By Vatika,Updated: 26 May, 2020 09:45 AM

punjab cabinet

पिहले दिनों कई मंत्रियों व विधायकों द्वारा चीफ सैक्रेटरी करण अवतार सिंह के खिलाफ जो मोर्चा खोला गया था, उसे सीधे तौर पर कैप्टन अमरेंद्र

लुधियाना(हितेश): पिहले दिनों कई मंत्रियों व विधायकों द्वारा चीफ सैक्रेटरी करण अवतार सिंह के खिलाफ जो मोर्चा खोला गया था, उसे सीधे तौर पर कैप्टन अमरेंद्र सिंह के साथ बगावत के रूप में भी देखा जा रहा है जिसके मद्देनजर आने वाले समय दौरान कैबिनेट में फेरबदल की चर्चा तेज हो गई है।

यहां बताना उचित होगा कि पंजाब में कांग्रेस को सरकार को जरूरत से ज्यादा बहुमत मिलना पहले दिन से उसके लिए सिरदर्दी की वजह बना हुआ है क्योंकि सीमित मंत्री पद होने से कई सीनियर विधायकों को एडजस्ट नहीं किया गया जो विधायक हाईकमान के सामने एतराज जताने के अलावा सरकार की कार्यप्रणाली को लेकर सवाल खड़े करने का कोई मौका नहीं गंवाते। जिन मंत्रियों को कैबिनेट में बनाए रखने के लिए कैप्टन ने विधायकों की नाराजगी मोल ली है उनमें से कुछ मंत्री भी कैप्टन को आंखे दिखा रहे हैं जिसका सबूत चीफ सेक्रेटरी विवाद है। चीफ सैक्रेटरी को बदलने की मांग पर अड़े हुए मंत्री सुखजिंदर रंधावा, विधायक राजा वडिंग, प्रगट सिंह, संगत सिंह गिलजिया के बाद मनप्रीत बादल व चरणजीत ची के तेवर नर्म करने के लिए उनको बुलाकर लंच किया गया। उपरोक्ता पटनाक्रम को कैप्टन गंभीरता से ले रहे हैं और इस विवाद का पक्के तौर पर हल करना चाहते हैं। जिसके लिए उनके द्वारा कैबिनेट में बदलाव की तैयारी शुरू करने की सूचना है। बताया जाता है कि कैप्टन के खिलाफ बगावत का झंडा बुलंद करने वाले कुछ मंत्रियों की छुट्टी हो सकती है और कुछेक के विभागों में फेरबदल किया जा सकता है इस तरह कैप्टन को आंखे दिखाने वाले कुछ विधायकों को कैबिनेट में एंट्री होने की अटकलें लगाई जा रही हैं।

शराब माफिया के मुद्दे पर डैमेज कंट्रोल करने में जुटी सरकार
चीफ सेक्रेटरी व मंत्रियों के बीच विवाद की शुरूआत कोरोना की वजह से हुए शराब ठेकेदारों के नुक्सान की भरपाई के मुद्दे से हुई थी क्योंकि रैवेन्यू जुटाने के लिए कैप्टन द्वारा काफी देर से ठेके खोलने की सिफारिश कर रहे थे और जब केंद्र सरकार द्वारा इस संबंधी मंजूरी दी गई तो ठेकेदारों द्वारा पुरानी व आगे की फीस में छूट देने की जिद्द की गई। इसके मद्देनजर तैयार की गई पॉलिसी को कैबिनेट में पेश करने से पहले मंत्रियों व अधिकारियों द्वारा आपस में चर्चा करने का फैसला किया गया। इस मीटिंग के दौरान कई मंत्रियों ने एक्साइज विभाग द्वारा फिक्स किए जाने वाले रैवेन्यू का टारगेट पूरा न होने पर सवाल खड़े किए गए जिसके लिए चीफ सेक्रेटरी द्वारा सियासी संरक्षण में हो रही शराब तस्करी को जिम्मेदार ठहराया गया तो मंत्री भड़क उठे। इसके पलटवार में शराब फैक्टरी में चीफ सेक्रेटरी के बेटे की कथित हिस्सेदारी का आरोप लगाया गया। यह मुद्दा अकाली-भाजपा के अलावा 'आप' ने भी हथिया लिया और शराब की तस्करी से सरकारी खजाने को चूना लगाने की जांच की मांग की जा रही है, जिसके बाद से सरकार डैमेज कंट्रोल में लगी हुई है।

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