Edited By swetha,Updated: 30 Jul, 2019 09:28 AM
मंत्री पद छोड़ चुके विधायक नवजोत सिंह सिद्धू अब पंजाब विधानसभा सत्र में पिछले बैंच पर बैठेंगे।चूंकि वह अब मंत्री नहीं रहे इसलिए उनके बैठने का स्थान अब मंत्री बैंचों के पीछे होगा।
जालंधर(मोहन): मंत्री पद छोड़ चुके विधायक नवजोत सिंह सिद्धू अब पंजाब विधानसभा सत्र में पिछले बैंच पर बैठेंगे।चूंकि वह अब मंत्री नहीं रहे इसलिए उनके बैठने का स्थान अब मंत्री बैंचों के पीछे होगा। इसके लिए विधानसभा की तरफ से कांग्रेस विधायक दल को पत्र भेज कर सिद्धू के लिए स्थान सुझाने के लिए कहा गया है।इसके साथ ही विधानसभा से इस्तीफे दे चुके आम आदमी पार्टी के 5 विधायक भी 2 अगस्त से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में भाग लेंगे क्योंकि विधानसभा अध्यक्ष की तरफ से अभी तक उक्त विधायकों के त्यागपत्रों पर निर्णय नहीं हुआ है। विधानसभा स्पीकर ने इन मामलों की सुनवाई के लिए 30 जुलाई और 20 अगस्त की तिथि तय की है।
सदन में आना तय नहीं
सभी पक्ष और विपक्ष की नजरें नवजोत सिंह सिद्धू पर लगी हुई हैं। मंत्री पद छोड़ चुके सिद्धू सदन में किस जगह बैठेंगे, इसको लेकर कौतूहल बना हुआ है। यह तो तय है कि सिद्धू विधानसभा सदन में अब पीछे वाले किसी बैंच पर ही बैठेंगे। हालांकि यह तय नहीं है कि वह सदन में आएंगे अथवा नहीं। उनके करीबी बताते हैं कि सिद्धू प्रथम दिन शोक संदेश वाले दिन ही आकर अपनी उपस्थिति दर्ज करवा सकते हैं।
सत्ताधारी पार्टी ने करनी है सिद्धू की सीट निर्धारित
विधानसभा कार्यालय के सूत्रों के अनुसार सत्तापक्ष कांग्रेस को इस बारे में पत्र भेज कर पूछा गया है कि सिद्धू को कौन से और किस स्थान पर बैठाया जाए। सत्ताधारी पार्टी ने अभी विधानसभा को इस बारे में अपनी सिफारिश देनी है।
‘आप’ के 5 विधायकों का मामला भी उलझा
दूसरी ओर आम आदमी पार्टी के विधायकों को लेकर भी झोल बना हुआ है। 5 विधायक अपने त्याग पत्र दे चुके हैं। परन्तु सभी का मामला ही उलझा हुआ है। सिर्फ विधायक एच.एस. फूलका को छोड़कर अन्य सभी का मामला स्पीकर के पास विचाराधीन है। फूलका बार-बार अपना त्यागपत्र स्वीकृत करने के लिए कह चुके हैं।
अन्य ‘आप’ बागी विधायक सुखपाल सिंह खैहरा, नाजर सिंह मानशाहिया, मास्टर बलदेव सिंह और अमरजीत सिंह संदोया के त्याग पत्रों का मामला विधानसभा स्पीकर के पास चल रहा है। खैहरा और मानशाहिया के मामले की सुनवाई 30 जुलाई को है जबकि बलदेव सिंह और संदोया के मामले की सुनवाई 20 अगस्त को होनी है। खैहरा का पचड़ा थोड़ा उलझा हुआ है। स्पीकर के पास खैहरा का मामला उन्हें अयोग्य करार देने और त्याग पत्र का है। चूंकि उक्त 5 ‘आप’ विधायकों का त्यागपत्र अभी स्वीकृत नहीं हुआ है इसलिए वे भी सदन की कार्रवाई में शामिल हो सकते हैं।