Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Apr, 2018 02:46 PM
पंजाब में गुरु ग्रंथ साहिब और दूसरे धार्मिक ग्रंथों की बेअदबियों के मामलों की जांच के लिए कैप्टन सरकार की तरफ से जस्टिस (सेवामुक्त) रणजीत सिंह के नेतृत्व में बनाए गए कमीशन द्वारा किए खुलासों पर पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने बदलाखोरी की...
चंडीगढ़ः पंजाब में गुरु ग्रंथ साहिब और दूसरे धार्मिक ग्रंथों की बेअदबियों के मामलों की जांच के लिए कैप्टन सरकार की तरफ से जस्टिस (सेवामुक्त) रणजीत सिंह के नेतृत्व में बनाए गए कमीशन द्वारा किए खुलासों पर पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने बदलाखोरी की राजनीति का आरोप लगाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह शिरोमणि अकाली दल और बादलों खिलाफ अपनी पुरानी राजनीतिक और निजी बदलाखोरी वाली नीति पर चल रहे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने जस्टिस (सेवामुक्त) रणजीत सिंह पर निशाना साधते कहा कि हाईकोर्ट के इस पूर्व जज ने कांग्रेस के हाथों की कटपुतली बन कर न्यायपालिका की शान को घटाया है। बादल ने कहा कि 28 मई को शाहकोट विधानसभा हलके के उपचुनाव से पहले इस रिपोर्ट को जनतक करने कारण सारा मामला संदिग्ध हो गया है क्योंकि यह समय राजनीतिक पक्ष से अहम कहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि इन तथ्यों से पता चलता है कि जज की मानसिकता का कितना स्यासीकरन हो चुका है।
जिक्रयोग्य है कि जस्टिस रणजीत सिंह जांच रिपोर्ट में पूर्व मुख्यमंत्री की भूमिका पर सवाल उठाए गए हैं। प्रकाश सिंह बादल ने जस्टिस (सेवामुक्त) रणजीत सिंह पर आरोप लगाया कि इस पूर्व जज ने दोगली बातें करके न्यायपालिका के नाम का दुरुपयोग किया है । उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार की तरफ से कमीशन का प्रयोग सिर्फ कांग्रेस भवन में तैयार किए एक राजनीतिक दस्तावेज पर हस्ताक्षर करवाने के लिए किया गया है।