Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Jun, 2018 01:37 PM
केंद्र सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों की पेयजल सप्लाई स्कीम नैशनल रूरल ङ्क्षड्रकिंग वाटर प्रोग्राम (एन.आर.डी.डब्ल्यू. प्रोग्राम) के नियमों में बड़े फेरबदल के लिए नक्शा तैयार कर लिया है।
चंडीगढ़ (ब्यूरो): केंद्र सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों की पेयजल सप्लाई स्कीम नैशनल रूरल ङ्क्षड्रकिंग वाटर प्रोग्राम (एन.आर.डी.डब्ल्यू. प्रोग्राम) के नियमों में बड़े फेरबदल के लिए नक्शा तैयार कर लिया है। यह संशोधन होता है तो पंजाब के ग्रामीण क्षेत्रों में चल रही स्कीमों को अधर में रोकना पड़ सकता है। पंजाब सरकार की ओर से केंद्र के जन विरोधी प्रस्तावित कदम का विरोध किया जाएगा। जल सप्लाई और सैनीटेशन विभाग की मंत्री रजिया सुल्ताना ने जारी प्रैस बयान में बताया कि केंद्र के प्रस्तावित कदम पर भावी रणनीति के लिए विभाग की उच्च स्तरीय मीटिंग बुलाई थी। एन.आर.डी.डब्ल्यू. राज्यों के ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल मुहैया करवाने के लिए फंड मुहैया करवाती है। इसके अधीन केंद्र और राज्य सरकार की ओर से 50:50 प्रतिशत की हिस्सेदारी डाल घर-घर पानी मुहैया करवाने की योजना चलाई जा रही है। पंजाब सरकार अपने हिस्से का 50 प्रतिशत फंड जारी करने के लिए तैयार है परंतु केंद्र अपने हिस्से का फंड जारी करने से बचना चाहता है।
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से अब सिर्फ उन ग्रामीण क्षेत्रों में पानी सप्लाई करने के लिए ही फंड दिए जाएंगे जहां हर रोज प्रति व्यक्ति पानी का उपभोग 40 लीटर (एल.पी.सी.डी.-लीटर पर कैपिटा पर डे) से कम होगा। उन्होंने बताया कि केंद्र की ओर से प्रस्तावित संशोधन लागू करता है तो पंजाब के 9 हजार गांवों में पेयजल स्कीम को अधर में रोकना पड़ सकता है क्योंकि गांवों में हर रोज प्रति व्यक्ति पानी का उपभोग 40 लीटर से अधिक है। उन्होंने कहा कि पंजाब ने गांवों में पानी मुहैया करवाने के लिए वल्र्ड बैंक और नाबार्ड से कर्ज लेकर पहले ही 9 हजार से अधिक गांवों में हर रोज प्रति व्यक्ति 40 लीटर पानी के उपभोग वाला मानदंड पूरा कर लिया है परंतु पंजाब को निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए क्योंकि कर्ज उठाकर गांवों के निवासियों को पानी मुहैया करवाया है। मंत्री सुल्ताना ने कहा कि केंद्र की ओर से 14 जून को नई दिल्ली में एन.आर.डी.डब्ल्यू. प्रोग्राम में प्रस्तावित संशोधन पर राज्यों के विचार जानने के लिए मीटिंग बुलाई गई है। पंजाब की ओर से मीटिंग में वह खुद शामिल होंगी और प्रोग्राम में किसी भी किस्म के संशोधन का विरोध करेंगी जिससे राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल सप्लाई की स्कीमों को अधर में रोकना न पड़े।