Edited By Vaneet,Updated: 28 Aug, 2019 05:44 PM
हम चाय पानी पीने नहीं आते कमिश्न को जवाब चाहिए...
अमृतसर(दलजीत): पंजाब महिला आयोग की ओर से छात्रा व स्टाफ नर्स के साथ हुई छेड़छाड़ के मामले का कड़ा संज्ञान लेते हुए 2 सितम्बर को सरकारी मैडीकल कॉलेज की प्रिसीपल तथा गुरु नानक देव अस्पताल के मैडीकल सुपरिटैंडैंट को चंडीगढ़ में तलब कर लिया है। कमिश्न द्वारा अस्पताल में लगातार महिलाओं के हो रहे शोषण को देखते जहां कॉलेज की सैक्सूअल ह्रासमैंट कमेटी रद्द कर दी है वहीं छेड़छाड़ के मामले में कोई सख्त एक्शन न लेने पर कॉलेज की प्रिंसीपल डाक्टर सुजाता शर्मा के तुरंत तबादले के लिए पंजाब सरकार को सिफारिश कर दी है। कमिश्न ने पीड़ित महिलाओं को आश्वासन दिया है कि जल्द ही उनके साथ न्याय होगा।
जानकारी के अनुसार अस्पताल में ऑप्रेशन थिएटर का डिप्लोमा कर रही छात्रा के साथ ओ.टी.ए. में तैनात अमरजीत सिंह तथा बेबे नानकी मदर एंड चाइल्ड सैंटर के गायनी विभाग के लेबर रूम की स्टाफ नर्स के साथ ठेकाधारित कर्मचारी बलविन्द्र सिंह द्वारा छेड़छाड़ करने के गंभीर आरोप लगे थे। इन आरोपों की जांच के लिए आज कमिश्न की चेयरपर्सन मैडम मनीशा गुलाटी ने सरकारी मैडीकल कालेज का औचक निरीक्षण किया तथा पीड़ित छात्रा व स्टाफ नर्स से बातचीत करके उनके बयान कलमबद्ध किए। मनीशा गुलाटी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि सरकारी मैडीकल के अधीन चलने वाले सरकारी अस्पतालों में महिलाओं का शोषण हो रहा है। कालेज की महिला प्रिंसीपल होने के बावजूद भी महिलाओं के शोषण की घटनाओं को अंजाम देने वालों पर सख्त कार्रवाई नहीं हो रही है।
उन्होंने कहा कि महिलाओं को न्याय न मिलने के कारण वह सहमी हुई हैं। छात्रा ने बताया कि ओ.टी.ए. अमरजीत सिंह लम्बे समय से उसे परेशान कर रहा था तथा उससे सम्बंध बनाने के लिए दबाव डाल रहा था। छात्रा ने इसकी जानकारी अपने अधिकारियों को भी दी तथा उनके द्वारा भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने कहा कि कमिश्न द्वारा उक्त मामले में अमरजीत सिंह को सस्पैंड करने की सरकार को सिफारिश की जाएगी तथा सख्त एक्शन भी लिया जाएगा। मैडम गुलाटी ने कहा कि स्टाफ नर्स के साथ हुई छेड़छाड़ के मामले में कालेज प्रशासन तर्क दे रहा है कि बलविन्द्र सिंह ने स्टाफ नर्स को किस करने की कोशिश की परन्तु पीड़ित महिला ने कमिश्न को बताया है कि बलविन्द्र ने सचमुच ही उसे कि स की थी।
कालेज प्रशासन द्वारा इस मामले को दबाने की पूरी कोशिश की गई तथा बलविन्द्र सिंह का गायनी विभाग से ई.एन.टी. अस्पताल में तबादला करके कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। कमिश्न को महिला ने बताया कि वह कॉलेज प्रशासन की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं है तथा उसे उम्मीद है कि कमिश्न उसे न्याय दिलवाएंगा। महिलाओं पर अत्याचार किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने प्रिंसीपल सहित मैडीकल सुपरिटैंडैंट को चंडीगढ़ कार्यालय में 2 सितम्बर को तलब किया गया है। इसके इलावा प्रिंसीपल के तबादले के लिए सरकार को सिफारिश भी की जाएगी।
अपनों को खुश करने के लिए कमेटी में डाल दिए चहेते मैंबर
कमिश्न की चेयरपर्सन मैडम मनीशा गुलाटी ने कहा कि कालेज की सैक्सूअल ह्रासमैंट कमेटी कालेज प्रशासन द्वारा नियमों के विपरीत चलाई जा रही थी। पहले भी कालेज प्रशासन को निर्देश दिए गए थे कि अपने चहेतों वाली कमेटी रद्द करके नियमों अनुसार कमेटी बनाई जाए लेकिन प्रिंसीपल सुजाता शर्मा ने अपनी मनमर्जी करते हुए फिर से अपनों को खुश करने के लिए उनको
कमेटी में शामिल कर लिया। मैडम गुलाटी ने कहा कि इस कमेटी में उस महिला मैंबर को भी शामिल किया गया है जो खुद ह्रासमैंट केस में तलब की जा चुकी है। ऐसे मैंबर किसी के साथ कैसे न्याय करेंगे, उन्होंने तुरंत ही इस कमेटी को रद्द कर दिया है।
कालेज प्रशासन महिलाओं पर होने वाले अत्याचार को रहता है दबाता
मैडम गुलाटी ने कहा कि यह तो दो वे मामले में है जो मीडिया के जरिए उनके ध्यान में आ गए है लेकिन उन्हें पूरा यकीन है कि कॉलेज में महिलाओं पर और कई जगहों पर अत्याचार हो रहे है। कालेज प्रशासन द्वारा इन मामलों को दबाने की भी कोशिश की गई होगी। उन्होंने कॉलेज प्रशासन से अभी तक सैक्सूअल ह्रासमैंट कमेटी में पेश हुए सभी केसों की लिस्ट मांगी है। जांच के उपरांत जो भी सामने आए है उसके अनुसार बनती कार्रवाई की जाएगी।
सरकार करेगी गलत तो कमिश्न लेगा सख्त एक्शन
मैडम मनीशा गुलाटी ने कहा कि सभी सरकारी विभागों में सैक्सूअल ह्रासमैंट कमेटी बनाने के निर्देश दिए गए हैं यदि निर्देशों की कोई पालना नहीं कर रहा तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि महिलाओं पर हो रहे शोषण संबंधी अगर सरकार गलत करेगी तो भी वह चुप नहीं बैठेगी, कमिश्न सख्त एक्शन लेगा।
मिस्टर तिवाड़ी आपकी संस्था में गलत हो रहे हैं काम
मैडम मनीशा गुलाटी ने इस दौरान मैडीकल शिक्षा तथा खोज विभाग के सचिव बी.आर. तिवाड़ी को तुरंत फोन करके कहा कि आपकी संस्था में गलत काम हो रहे हैं। महिलाओं पर लगातार शोषण हो रहे हैं। अधिकारी उनपर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। महिलाओं को न्याय नहीं मिल रहा। आप खुद इस मामले में दखल देकर पीड़ित महिलाओं को न्याय दिलवाने के लिए आगे आए और भविष्य में भी लगातार ऐसे मामलों में पर खुद कार्रवाई के आदेश दें।
डिप्टी मैडीकल सुपरिटैंडैंट कमिश्न को करते रहे गुमराह
पंजाब महिला कमिश्न की चेयरपर्सन जब पीड़ित छात्रा से बातचीत कर रही थी तो उन्होंने संबंधित मामले संबंधी की गई कार्रवाई के बारे में जब डिप्टी मैडीकल सुपरिटैंडैंट डा. अशोक सिद्धू से तो पूछा तो उन्होंने कमिश्न को गुमराह करते हुए कह दिया कि मैडम हमने संबंधित कर्मचारी का तबादला कर दिया है। जब मैडम ने कहा कि तबादला तो दूसरे केस कर्मचारी का किया गया, इस केस में क्या किया तो डाक्टर सिद्धू को कोई जवाब नहीं आया। इसी दौरान डा. सिद्धू की वकालत के लिए डाक्टर कर्मजीत खड़े हो गए तथा अपना तर्क देने लगे तथा मैडम को उक्त मामले को लेकर इतना गुस्सा था कि उन्होंने डाक्टर कर्मजीत को भी बैठने के लिए कह दिया।
हम चाय पानी पीने नहीं आते कमिश्न को जवाब चाहिए
पंजाब महिला कमिश्न की चेयरपर्सन मैडम मनीशा गुलाटी का कॉलेज में यह दूसरा दौरा था। दोनों दौरों में कालेज की प्रिंसीपल डा. सुजाता शर्मा उन्हें नहीं मिली है। मैडम गुलाटी ने कालेज के अधिकारियों को ताडऩा करते हुए कहा कि हम यहां चाय-पानी पीने नहीं आते, कमिश्न को जवाब चाहिए। जवाब देने के लिए प्रिंसीपल खुद होती नहीं और दूसरे अधिकारियों को कमिश्न के सामने भेज देते है। इस कार्रवाई से स्पष्ट होता है कि उनकी ढीलमूल कार्यशैली के कारण संस्था का नाम बदनाम हो रहा है।
तबादला ही सिर्फ न्याय नहीं, कर्मचारी को मिले और कड़ी सजा
पंजाब महिला कमिश्न की चेयरपर्सन के सामने अपने बयान देती हुई स्टाफ नर्स ने कहा कि तबादले से वह संतुष्ट नहीं है। कर्मचारी बलविन्द्र सिंह को जब तक और सजा नहीं मिलती उसे न्याय नहीं मिलेगा। इसी दौरान बलविन्द्र सिंह ने कमिश्न को कहा कि उस पर लगे आरोप बेबुनियाद है। उसका गलती से स्टाफ नर्स को हाथ लगा था। छात्रा ने भी कहा कि अमरजीत की घटना के कारण वह अंदर से घुट-घुट कर मर रही है, उसे न्याय चाहिए। मैडम गुलाटी ने कहा कि कमिश्न आपको विश्वास दिलवाता है कि आपको न्याय मिलेगा और संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।