Edited By Kalash,Updated: 23 Apr, 2024 10:34 AM
लोकसभा चुनाव के दौरान टिकटों के बंटवारे के लिए भले ही कांग्रेस द्वारा भले ही स्क्रीनिंग एंड इलेक्शन कमेटी का गठन किया गया है
लुधियाना (हितेश): लोकसभा चुनाव के दौरान टिकटों के बंटवारे के लिए भले ही कांग्रेस द्वारा भले ही स्क्रीनिंग एंड इलेक्शन कमेटी का गठन किया गया है, लेकिन असलियत यह है कि पर्दे के पीछे राहुल गांधी ही फैसले ले रहे हैं। इसका सबूत रविवार को देखने को मिला, जब सोनिया गांधी व मल्लिकार्जुन खडगे की अगुवाई में सेंट्रल इलेक्शन कमेटी की बैठक होने के बाद भी पंजाब के बाकी उम्मीदवारों को लेकर घोषणा नहीं हो पाई।
इस मीटिंग के दौरान पंजाब कांग्रेस के इंचार्ज देवेन्द्र यादव के साथ प्रदेश अध्यक्ष राजा वडिंग, नेता विपक्ष प्रताप बाजवा भी मौजूद थे। उनके द्वारा हाईकमान के सामने दावेदारों के अलावा उम्मीदवार बनाने के लिए अन्य मजबूत चेहरों को लेकर रिपोर्ट पेश की गई, लेकिन एक बार फिर सभी सीटों पर फैसला नहीं हो पाया। सूत्रों के अनुसार यह मीटिंग बीच में ही खत्म हो गई, क्योंकि राहुल गांधी ने खुद सभी उम्मीदवारों के नाम फाइनल करने की बात कही है और बाकी सीटों की घोषणा के लिए उनकी सेहत में सुधार होने तक इंतजार करना पड़ सकता है। इस घटनाक्रम से यह साफ हो गया है कि राहुल गांधी द्वारा विपक्ष के आरोपों से बचने के लिए कांग्रेस की प्रधानगी छोड़ी गई है, जबकि पर्दे के पीछे वहीं फैसले ही ले रहे हैं।
वहीं इस बारे में प्रताप बाजवा ने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान पंजाब में लोकसभा चुनाव के दौरान पंजाब में टिकटों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस की प्रक्रिया बढ़िया तरीके से चल रही है। अब तक 6 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी गई है और बाकी 7 उम्मीदवारों को लेकर सेंट्रल इलेक्शन कमेटी की बैठक के दौरान चर्चा लगभग मुकम्मल हो गई है। जिसके आधार पर चंद दिनों के भीतर पंजाब में कांग्रेस के सभी उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी जाएगी।
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