Edited By Updated: 08 Apr, 2017 02:00 PM
कनाडा की ओंटारियो सरकार ने 1984 के सिख दंगों को सिख विरोधी के तौर पर मान्यता देने के प्रस्ताव को पास कर दिया है। इस प्रस्ताव की जहां कई सिख संस्थाओं ने प्रशंसा की वहीं भारत ने इस प्रस्ताव को रद्द कर दिया है।
जालंधर/टोरांटोः कनाडा की ओंटारियो सरकार ने 1984 के सिख दंगों को सिख विरोधी के तौर पर मान्यता देने के प्रस्ताव को पास कर दिया है। इस प्रस्ताव की जहां कई सिख संस्थाओं ने प्रशंसा की वहीं भारत ने इस प्रस्ताव को रद्द कर दिया है।
जानकारी के अनुसार ओंटारियो प्रांत की विधानसभा ने एक प्रस्ताव पारित कर भारत में 1984 में हुए दंगों को आधिकारिक तौर पर सिख नरसंहार माना है । इस बीच, भारत ने प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर इसे दिग्भ्रमित करार दिया है ।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने कहा कि भारत के नजरिए से कनाडा की सरकार और वहां के राजनीतिक नेतृत्व को अवगत करा दिया गया है ।
बागले ने कहा, हमने छह अप्रैल को ओंटारियो की विधानसभा में एक निजी सदस्य का प्रस्ताव पारित किए जाने पर गौर किया है । हम इस दिग्भ्रमित प्रस्ताव को खारिज करते हैं, जो भारत, इसके संविधान, समाज, मूल्यों, कानून का शासन और न्यायिक प्रक्रिया की सीमित समझ पर आधारित है ।
उन्होंने कहा, हमारे नजरिए से कनाडा की सरकार और वहां के राजनीतिक नेतृत्व को अवगत करा दिया गया है ।